Water
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    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad City) का पिछले दस वर्षों में तेजी से विकास (Development) हुआ है, लेकिन पानी (Water) का संचय नहीं बढ़ा। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) पानी का संचय बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। चिखली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (Chikhli Water Treatment Plant) का काम अंतिम चरण में है और आंध्रा बांध से 100 एमएलडी पानी पंप किया जाएगा। इसलिए मार्च-अप्रैल से शहर में रोजाना जलापूर्ति (Daily Water Supply) होगी। आनेवाले तीन वर्षों के बाद पानी की उपलब्धता में वृद्धि हुई तो शहर को रोजाना 24 घंटे जलापूर्ति की जा सकेगी। महानगरपालिका के जलापूर्ति विभाग के नगर अभियंता प्रवीण लडकत ने निगडी स्थित जल शुद्धिकरण केंद्र में पत्रकारों को जलापूर्ति व्यवस्था की जानकारी दी। 

    उन्होंने कहा कि नियमानुसार लगभग 55 प्रतिशत लोग प्रतिदिन 135 लीटर प्रति व्यक्ति की तुलना में दुगना पानी का उपयोग करते हैं और ऐसे लोगों को दंडित किया जाना चाहिए और नल कनेक्शन तोड़ दिए जाने चाहिए। 2008 से 2022 की अवधि में शहरीकरण में भारी वृद्धि देखी गई। बड़ी संख्या में फ्लैट बनाए गए। 2001 में शहर की जनसंख्या 10 लाख और 2011 में 17 लाख थी। उस समय प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 250 लीटर पानी दिया जा रहा था, लेकिन पिछले दस वर्षों में जनसंख्या में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

    आबादी बढ़ती रही पर पानी नहीं बढ़ा

    उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ती रही, लेकिन पानी नहीं बढ़ा। नतीजतन, प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन मिलने वाले पानी की मात्रा कम हो जा रही है। मोरेबस्ती, सानेबस्ती और चिखली में बड़ी संख्या में घर बनाए गए। इस इलाके की आबादी 70 से 75 हजार है।  करीब 52 गलियां हैं। तीन तीन मंजिला इमारतें थी, लेकिन इमारतों के नीचे पानी की टंकी नहीं थी। फिर भी एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई होने के बावजूद उन्हें पानी की कोई शिकायत नहीं है। 

    आई टू आर के लिए नियम बनाना जरूरी

    शहर के औद्योगिक हिस्से को बड़े पैमाने पर आवासीय में बदला जा रहा है। इसलिए महानगरपालिका को इस क्षेत्र में भी पानी की आपूर्ति करनी पड़ती है। आई टू आर के लिए नियम बनाना जरूरी है। प्लास्टिक पाइप को 24×7 के तहत डाले गए इन पाइपों में 50 साल तक जंग नहीं लगती है। 

    …तो पूरे शहर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति होगी

    प्राधिकरण, आकुर्दी, संभाजीनगर, शाहूनगर, दिघी के 40 फीसदी हिस्से को 24×7 जलापूर्ति योजना में शामिल किया गया, इसका काम समाप्त होने को है। अमृत योजना के तहत, बचे हुए 60 प्रतिशत हिस्से को शामिल किया गया। ने भाग लिया है। चिखली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम अंतिम चरण में है। हम निगडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता को भी 100 एमएलडी बढ़ा रहे हैं। अगले ढाई साल में आद्रा, भामा-आस्केड से 500 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा। यदि नियोजित तरीके से कार्य किया जाता है तो पूरे शहर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति होगी।  

    पवना पाइपलाइन योजना का मसला हल नहीं हुआ 

    अगले 30 वर्षों के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ रही है। 2010 से 2022 तक पानी नहीं बढ़ा इसलिए एक दिन छोड़ कर पानी की आपूर्ति की जा रही है।  पवना पाइपलाइन योजना का मसला हल नहीं हुआ है। भविष्य में पवना और मुलशी दोनों बांधों को जोड़ा जा सकता है। तब टनल से पानी लिया जा सकता है। हालांकि इसकी कुल दूरी 9.55 किमी है अतः यह काम महंगा है। 100 एमएलडी पानी लाने में करीब 250 से 300 करोड़ रुपए का खर्च आता है। महानगरपालिका को पानी बिल से महज 40 से 45 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। प्राधिकरण के सेक्टर 26 स्थित निगडी में पिछले छह माह से पानी की आपूर्ति चौबीसों घंटे चल रही है। नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति को प्रति दिन 135 लीटर पानी का उपयोग करने की अनुमति है। हालांकि, महानगरपालिका के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 60 प्रतिशत लोग प्रतिदिन 200 लीटर और 28 प्रतिशत लोग 500 लीटर पानी की खपत कर रहे थे। बाद के एक सर्वेक्षण में, 54 प्रतिशत लोग 200 लीटर और 18 प्रतिशत 500 लीटर पानी की खपत कर रहे थे। इसलिए, 24 घंटे जलापूर्ति के बाद भी नागरिक 135 लीटर से अधिक पानी का उपयोग करते हैं। प्राधिकरणवासियों ने पानी की खपत को और कम नहीं किया है।

    लोगों को पानी बचाना चाहिए

     नागरिकों को पानी बचाना चाहिए। गैर-राजस्व, अनुचित कनेक्शन, अवैध प्लंबिंग, नगरपालिका कार्यालयों के कनेक्शन आदि 35 फीसदी गैर राजस्व वाले नल कनेक्शन है।  लड़कत ने कहा कि 135 लीटर से ज्यादा पानी इस्तेमाल करने वालों से शुल्क लिया जाए। स्मार्ट सिटी के तहत शहर में 9000 स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। एक मीटर की कीमत 3 हजार रुपए है।  ये मीटर रिहायशी और कमर्शियल इलाकों में भी लगाए जा रहे हैं। 9,000 में से 7,500 मीटर लगाए जा चुके हैं। लडक़त ने कहा कि अभी उनकी रीडिंग शुरू नहीं हुई है।