Ravindra Dhangekar

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पुणे: 30 साल बाद बीजेपी के गढ़ कसबा पेठ को कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र धंगेकर (Ravindra Dhangekar) ने ढहा दिया। बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रासने (Hemant Rasne) को हार का सामना करना पड़ा। इससे जहां बीजेपी मायूस है, वहीं महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) के नेताओं और कार्यकर्ताओं का विश्वास बढ़ गया है। जिसका असर आगामी पुणे महानगरपालिका चुनावों (PMC Elections) पर अवश्य पड़ेगा। 

खासकर बीजेपी के उन नगरसेवकों का क्या होगा, जिनके वार्डों में बीजेपी पिछड़ गई। इस क्षेत्र में बीजेपी के 13 नगरसेवक थे। फिर भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इस विधानसभा क्षेत्र के छह वार्डों में मिले मतों के आधार पर आगामी पुणे महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी के इन पदाधिकारियों की किस्मत का फैसला होगा।

धंगेकर ने पहले राऊंड से ही बढ़त बनाई

कसबा विधानसभा क्षेत्र में वार्ड 15, 17, 18 का पूरा हिस्सा आता है। वहीं, वार्ड 16, 19 और 29 के कुछ हिस्से आते हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में वार्ड 15 में सर्वाधिक 71 हजार 756 मतदाता हैं। अभी तक इस विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 15 से नगरसेवक बने एक व्यक्ति को ही बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया। बीजेपी की ओर से हेमंत रासने को प्रत्याशी घोषित करते समय वहीं मापदंड लगाया गया था क्योंकि हेमंत रासने वार्ड नंबर 15 से नगरसेवक चुनकर आते हैं। 2019 में कसबा विधानसभा चुनाव में वार्ड नंबर 15 में 41 हजार 777 वोट पड़े थे। जिसमें से करीब 68 फीसदी वोट बीजेपी को मिले थे। इससे कुल 21 हजार 29 वोटों का बहुमत बीजेपी को मिला था। इस चुनाव में वार्ड नंबर 15 में हेमंत रासने को बढ़त तो मिली, लेकिन दिवंगत विधायक मुक्ता तिलक को मिले 21 हजार वोटों की तुलना में कम था। भले यहां से धंगेकर पीछे रहे हों, परंतु उन्होंने अच्छे वोट बटोंरे। इसके कारण धंगेकर ने पहले राऊंड से ही बढ़त बनाई।

पुणे महानगरपालिका चुनाव में कई को टिकट नहीं मिलेगा

आगामी पुणे महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी के इच्छुकों की किस्मत का फैसला विधानसभा उपचुनाव में वार्डों में मिले मतों से होगा। नतीजे के अनुसार, इनमें से कई उम्मीदवरों की पत्ता कट सकता हैं। कसबा विधानसभा क्षेत्र में 18 नगरसेवकों में से 13 नगरसेवक बीजेपी के हैं। पुणे महानगरपालिका में पांच साल की सत्ता में महापौर, तीन साल स्थायी समिति अध्यक्ष, दो बार सदन का नेता जैसे पद इस क्षेत्र के वार्डों को मिले। ऐसे में विधानसभा क्षेत्र में हुई करारी हार ने शहर बीजेपी में उथलपुथल मचा दी है। इन क्षेत्रों के कई दिग्गज नेताओं के टिकट तो निश्चित ही कटनेवाले हैं।