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    पुणे: साहूकारी प्रथा की बलि लोग कैसे चढ़ रहे हैं, इसका  जीता जागता उदाहरण पुणे (Pune) में सामने आया है। पैसे की लालच में एक बुजुर्ग महिला (Elderly Woman) का इस तरह शोषण हुआ कि नौबत भीख मांगने की आ गई। हालांकि सतर्क नागरिकों और खड़क पुलिस (Police) ने बुजुर्ग महिला को साहूकार के चंगुल से छुड़ा लिया है। पता चला है कि इस साहूकार ने बुजुर्ग महिला से 40,000 रुपए के कर्ज (Loan) के बदले 8 लाख रुपए वसूल लिए। ऋणदाता साहूकार को खड़क पुलिस ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है।

    मामले की शिकायतकर्ता खड़क थाने की सीमा के भीतर रहने वाली 70 वर्षीय महिला है। उनकी दो बेटियां हैं और उनके पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है। वह महानगरपालिका से सफाईकर्मी के पद से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। 

    पोते के इलाज के लिए 40 हजार रुपए लिया था कर्ज

    महिला ने पांच साल पहले अपने पोते के इलाज के लिए आरोपी दिलीप विजय वाघमारे (52) से 40 हजार रुपए उधार लिया था। उसके बाद बुजुर्ग महिला ने बैंक से कर्ज लिया और साहूकार का 40 हजार रुपए लौटा दिए। इस दौरान उसने 1 लाख रुपए बतौर ब्याज चुकाए।

    पेंशन का पैसा लेता था आरोपी

    आरोपी ने बुजुर्ग महिला की निरक्षरता का फायदा उठाया। उसने महिला का बैंक पासबुक और दो एटीएम कार्ड अपने पास रखे हुए थे। महिला को 16,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिल रही थी।  महिला के खाते में जमा पेंशन में से एक से दो हजार रुपए प्रतिमाह महिला को देकर, बाकी रकम आरोपी खुद निकाल निकाल लेता। जिसके कारण, महिला के चिकित्सा और दैनिक खर्च तक के लाले पड़ गए। एक-एक पैसे के लिए मोहताज बुजुर्ग महिला अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए भीख मांगने लगी।

    अजनबी ने की मदद

    अपनी आजीविका के लिए महिला रोज सारस बाग के सामने भीख मांगती थी। एक व्यक्ति जो इस स्थान पर भगवान गणेश की पूजा करने आया था, उसने महिला बारे में पूछताछ की। जानकारी मिलने के बाद वह शख्स महिला को सीधे खड़क थाने ले आया। खड़क थाने के वरिष्ठ निरीक्षक श्रीहरि भैरत ने पूरा मामला सुना। इसके बाद उन्होंने आरोपी वाघमारे पर अवैध तरीके से कर्ज देने के आरोप में उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया। उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपी ने अब तक बुजुर्ग महिला से 40 हजार रुपए के बदले 8 लाख रुपए ले चुका है। यह कार्रवाई उपायुक्त डॉ. प्रियंका नारनवरे के मार्गदर्शन में वरिष्ठ निरीक्षक श्रीहरी बहिरट, उपनिरीक्षक यशपाल सूर्यवंशी और उसके दस्ते ने की।