मिलावटी मिठाइयों पर एफडीए की पैनी नजर, ट्रे पर उपयोग-दर-तारीख लिखना अनिवार्य

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    पुणे. गणेशोत्सव (Ganeshotsav) में मावा मोदक (Mawa Modak) और खोए की मांग बढ़ जाती है। मांग की तुलना में राज्य साथ ही दूसरे राज्य से आनेवाले खोए की कमी होने के कारण कुछ मिठाई विक्रेता मिलावटी मिठाई बेचते हैं। इसे ध्यान में लेकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration) (एफडीए) ने पुणे शहर (Pune City) और उपनगरों में मिठाई की दुकानों का निरीक्षण (Inspection) शुरू किया है। एफडीए मिलावटी मिठाइयों पर पैनी नजर रखे हुए है। मिलावटी मिठाइयों (Adulterated Sweets) के विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मिलावटी मिठाइयों के नमूने जब्त कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जाएंगे।

    उत्सव के दौरान मिठाई की दुकानों का निरीक्षण करने के लिए टीम का गठन किया गया है और इस टीम में 17 खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे। गणेशोत्सव के दौरान मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। कुछ हलवाई अपने फायदे के लिए मिलावटी मिठाइयां बेचते हैं। मिलावटी मिठाइयों से आम लोगों की जान को खतरा हो सकता है। एफडीए के अधिकारियों ने बताया कि मिलावटी मिठाइयों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए टीमों का गठन किया गया है। एफडीए ने सभी मिठाई विक्रेताओं के लिए मिठाइयों के ट्रे पर उपयोग-दर-तारीख लिखना अनिवार्य कर दिया है। 

    शिकायत करने की अपील

    विक्रेता मिठाई की थाली पर चिपकाए गए कागज देखें। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि मिठाई कितने दिनों तक खाने के लिए उपयुक्त है। एफडीए के पुणे विभाग के सह आयुक्त शिवाजी देसाई ने बताया कि, किसी भी कदाचार की स्थिति में, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (टोल फ्री नंबर 1800222356) के पास तुरंत शिकायत करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि, गणेशोत्सव के दौरान मिलावटी मिठाइयों की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम बनाई गई है। गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीमों ने मध्य क्षेत्र और उपनगरों में मिठाई विक्रेताओं की जांच शुरू की है।