जानें क्यों पुणे आरटीओ ने की रैपिडो एप का उपयोग न करने की अपील, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स

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    पुणे: कलेक्टर राजेश देशमुख (Collector Rajesh Deshmukh) की अध्यक्षता वाले क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा बाइक (Bike) और ऑटो रिक्शा एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस से इनकार करने के बाद पुणे (Pune) के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने यात्रियों को रैपिडो एप (Rapido App) का उपयोग न करने की सलाह दी गई है।

    आरटीओ अजीत शिंदे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) ने रैपिडो को बाइक और ऑटो के लिए एकत्रीकरण सेवाएं प्रदान करने का लाइसेंस देने से इनकार कर दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे रैपिडो का उपयोग न करें, बल्कि लाइसेंस प्राप्त वाहनों के माध्यम से सुरक्षित परिवहन का विकल्प चुनें।

    HC ने एप आवेदन पर पुनर्विचार करने के जारी किए थे निर्देश

    यह दूसरी बार है जब प्राधिकरण ने रैपिडो को लाइसेंस देने से इनकार किया है, जो सेल फोन-आधारित बाइक-हेलिंग सेवा प्रदान करता है। इससे पहले एप लॉन्च करने वाली फर्म रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 16 मार्च को आरटीओ में आवेदन किया था, लेकिन आवेदन में कमियों के कारण इसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद रैपिडो ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया, जिसने 29 नवंबर को आरटीओ को एप के आवेदन पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया।

    कार्रवाई SC द्वारा दिए गए एक सुरक्षात्मक आदेश के साथ हस्तक्षेप होगा

    रैपिडो ने एक बयान में कहा कि हमें पुणे आरटीओ का आदेश मिला है और इस मनमाने आदेश का मुकाबला करने के लिए कानूनी समेत सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हमारे कार्यों को लाखों पुणे यात्रियों को एक सुविधाजनक, कुशल और लागत प्रभावी तरीका प्रदान करने की दृष्टि से निर्देशित किया जाता है, और महत्वपूर्ण रूप से 57,000 रैपिडो कैप्टन और उनके परिवारों की आजीविका भी इससे जुड़ी हुई है। अगर हमारे खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई की जाती है, तो यह पुणे आरटीओ की ओर से अतिक्रमण और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए एक सुरक्षात्मक आदेश के साथ हस्तक्षेप होगा।