‘स्मार्ट सिटी’ के निदेशक मंडल की उदारतावादी नीति, लेटलतीफी के लिए ठेकेदार कंपनियों को जुर्माना के साथ एक्सटेंशन भी

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    पिंपरी. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना (Smart City Project) में शामिल पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की स्मार्ट परियोजनाओं की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इसके बावजूद स्मार्ट सिटी कंपनी के निदेशक मंडल की ठेकेदार कंपनियों (Contractor Companies) के लिए उदारतावादी नीति कायम है। हालिया संपन्न हुई निदेशक मंडल की बैठक में स्मार्ट सिटी के पैन सिटी के तहत काम कर रही एलएन्डटी और टेक महिंद्रा कंपनियों को तीसरी बार जुर्माना (Fine) लगाने के साथ एक्सटेंशन (Extension) देने का फैसला किया गया। एलएन्डटी कंपनी को 36 लाख रुपए और टेक महिंद्रा कंपनी को एक करोड़ 36 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें काम पूरा करने के लिए छह माह की मियाद बढ़ा दी गई है।

    इसके अलावा पिंपरी-चिंचवड़ में दूसरी बार साइकिल परियोजना चलाने का फैसला किया गया है, जिसके लिए फिर एक सलाहकार की नियुक्ति की जा रही है। पिंपरी-चिंचवड स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक राज्य के प्रधान सचिव नितीन करीर की अध्यक्षता में हुई। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में कंपनी निदेशक और महापौर उषा ढोरे, सभागृह नेता नामदेव ढाके, विपक्ष के नेता राजू मिसाल, शिवसेना नगरसेवक प्रमोद कुटे, मनसे के नगरसेवक सचिन चिखले, केंद्र सरकार की प्रतिनिधि ममता बात्रा, महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटील, पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश, पीएमपीएमएल के अध्यक्ष राजेंद्र जगताप, स्मार्ट सिटी के सहमुख्य कार्यकारी अधिकारी राजन पाटील, नीलकंठ पोमण आदि उपस्थित थे।

    519 करोड़ रुपये खर्च किए गए 

    स्मार्ट सिटी की इस बैठक में ठेकेदार कंपनियों और सलाहकारों को मियाद बढ़ाकर देने पर जोर दिया गया। एलएन्डटी, टेक महिंद्रा के साथ ही एबीडी प्रोजेक्ट के तहत काम कर रही केपीएमजी नामक कंपनी को भी एक वर्ष की मियाद बढ़ा दी गई है। म्युनिसिपल ई क्लास रूम प्रोजेक्ट के सिस्टीम इंटिग्रेटेड को जुर्माना के साथ तीन माह की मियाद बढ़ाकर दी गई। शहर में विविध स्मार्ट एलिमेंट कार्यान्वित करने के लिए ऑप्टिकल फायबर केबल डालने के काम के लिए फायबर नेटवर्क मॉनेटाइजेशन और ऑपरेशन कमिटी का गठन करने के लिए मान्यता दी गई। म्युनिसिपल ई क्लास रूम के अंतर्गत 105 स्कूलों में लगाई गई आईटी इक्विपमेंट को सिटी नेटवर्क के जरिए ‘आयसीसीसी’ में इंटिग्रेट करने के लिए 5.64 करोड़ रुपए के खर्च को भी मंजूरी दी गई। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ और मनपा कमिश्नर राजेश पाटिल ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत अब तक 637 करोड़ रुपए की निधि हासिल हुई है जिसमें से 519 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं।