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पुणे: बच्चों की पीठ पर स्कूल बैग (School Bag) का बोझ (Load) हमेशा चर्चा का विषय रहता है। छोटे बच्चों पर इतनी सारी पाठ्यपुस्तकों (Textbooks) का बोझ होता है कि वह इससे परेशान होते हैं। इसलिए स्कूलों को इसका रास्ता निकालना चाहिए, पेरेंट्स लगातार यह मांग कर रहे थे कि छात्रों की पीठ पर से बोझ कम किया जाए। दिलचस्प बात यह है कि यह विषय कई सालों से चर्चा में रहा है। आखिरकार, इस मुद्दे पर बालभारती (Balbharti) ने हल निकाला है। बालभारती ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे बच्चों की पीठ का भार लगभग 75 प्रतिशत कम हो जाएगा।

दूसरी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए किताब आसान होगी क्योंकि बालभारती छात्रों के लिए एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आई हैं। छात्रों को अब सभी विषयों के लिए अलग-अलग किताबें ले जाने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि एक ही पुस्तक अधिकांश विषयों का पाठ होने वाली है। दिलचस्प बात यह है कि किताब में ही नोटबुक के पन्ने जोड़े गए हैं, ताकि छात्र पढ़ाई के दौरान महत्वपूर्ण नोट्स बना सकें। इससे विद्यार्थियों का बोझ कम होगा।

पुस्तकों के कुल चार खंड

बालभारती द्वारा पुस्तकों के कुल चार भाग बनाए गए हैं। इन भागों में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया हैं। उदाहरण के लिए एक किताब में सभी विषयों के पाठ होंगे, लेकिन यह चार भागों में होगा। प्रत्येक विषय की पुस्तक में दो या तीन पाठ होंगे। खास बात यह है कि किताबों में नोटबुक पेज भी होगा। इसलिए अब छात्र सिर्फ किताब पर ही लिख सकते हैं। 

पुस्तकों में नोटबुक पृष्ठ जोड़ा गया

इस बारे में बालभारती के राज्य संचालक कृष्ण कुमार पाटिल ने जानकारी दी। पाटिल ने कहा कि सरकार ने 8 मार्च, 2023 को एक निर्णय लिया है, इसके अनुसार यह निर्णय लिया गया कि कक्षा दूसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों की पाठ्य पुस्तक एकीकृत रूप में रहे। दिलचस्प बात यह है कि यह निर्णय लिया गया कि पुस्तकों में स्वयं एक नोटबुक पृष्ठ जोड़ा गया। नोटबुक के पृष्ठ जोड़े गए हैं, ताकि शिक्षक द्वारा पढ़ाए जाने के दौरान छात्र कुछ नोट्स बना सकें। प्रत्येक सस्वर पाठ या कविता के बाद पुस्तिकाओं के पृष्ठ जोड़े जाएंगे, बालभारती के संचालक कृष्ण कुमार पाटिल ने कहा।

75 फीसदी कम होगा बोझ 

पाटिल ने बताया कि खास तौर पर इस फैसले से विद्यार्थियों का बोझ 75 प्रतिशत कम हो जाएगा। किताब को चार भागों में बांटा गया है। पहला भाग दो से ढाई माह तक पढ़ाया जाएगा। उसके बाद दो से ढाई महीने में इसे पढ़ाया जाएगा। दो से ढाई माह में दूसरे सेमेस्टर में तीसरा भाग पढ़ाया जाएगा। अंतिम चौथा भाग भी दो से ढाई महीने में पढ़ाया जाएगा। 

पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं 

पाटिल ने कहा कि इस पुस्तक को पाठ्य पुस्तक का विकल्प नहीं कहा जा सकता है। पढ़ाई को पुख्ता करने के लिए ही पढ़ाई के दौरान तत्काल नोट्स बनाना छात्रों के लिए फायदेमंद होगा। छात्र नोट कर सकेंगे। पाटिल ने बताया कि पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पाठ्य पुस्तक की संरचना में कोई बदलाव नहीं हैं। पाठ्य पुस्तक में केवल कॉपियों के पन्ने डाले गए हैं। साथ ही सभी विषयों को मिलाकर पुस्तक को चार भागों में विभाजित किया गया है।