पुणे. पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (Pune Metropolitan Region Development Authority) (पीएमआरडीए) द्वारा नव प्रकाशित मसौदा विकास योजना (डीपी) में पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे (Pune-Mumbai Expressway) के लिए 30 मीटर प्रस्तावित सर्विस रोड के खिलाफ मावल तहसील (Maval Tehsil) में किसानों (Farmers) और स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई है। इतना ही नहीं उन्होंने एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहीत जमीन में ही सर्विस रोड लाने और सर्विस रोड की चौड़ाई कम करके 12 मीटर करने की भी मांग की है।
जमीन मालिकों का एक ही समूह हो रहा प्रभावित
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यह चौथी बार है जब किसी विकास परियोजना के लिए उनकी जमीनों को छोड़ना होगा और इन परियोजनाओं में जमीन मालिकों का एक ही समूह प्रभावित हो रहा है।
भविष्य में क्षेत्र के किसानों के पास जमीन नहीं होगी
किसानों का कहना है, “हमने एक्सप्रेसवे के लिए और फिर बंद पानी पाइपलाइन परियोजना के लिए जमीन छोड़ दी। हाइपरलूप परियोजना भी क्षेत्र से प्रस्तावित है और अब पीएमआरडीए की सर्विस रोड है। ऐसा ही रहा तो जल्द ही क्षेत्र के किसानों के पास न जमीन होगी और न ही रोजगार की कोई संभावना। हमने पीएमआरडीए के प्रस्ताव के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है और सुझाव दिए हैं। “
स्थानिक लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जाती
कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें अपनी जमीन छोड़नी पड़ी, लेकिन मुआवजा पर्याप्त नहीं मिला और परियोजनाओं के पूरा होने के बाद पैदा हुए रोजगार के अवसरों में स्थानिक लोगों को प्राथमिकता नहीं दी जाती है। एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने के बाद फूड मॉल, उसके किनारे रेस्ट हाउस बनाए गए। लेकिन इन सुविधाओं के संचालक स्थानीय नहीं हैं। स्थानीय युवाओं की उपेक्षा हुई है। मावल के स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि आपत्तियों पर विचार किया जाएगा और उपयुक्त बदलाव किए जाएंगे।