Pavanathadi fair
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    पिंपरी: दो साल के कोरोनाकाल के बाद इस साल पुनः पवनाथड़ी मेला का आयोजन किया जा रहा है। महिला बचत गुटों के उत्पादनों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पुणे (Pune) के भीमथड़ी मेले की तर्ज पर पिंपरी-चिंचवड (Pimpri Chinchwad) में पवनाथड़ी मेले (Pavanathadi Mela) का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला इस साल सांगवी के पीडब्ल्यूडी मैदान में 16 से 20 दिसंबर तक आयोजित किया गया है। इसमें महाराष्ट्र की संस्कृति और पिंपरी-चिंचवड शहर की परंपरा के संगमवाले विभिन्न कार्यक्रमों की भरमार होगी। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह (PCMC Commissioner Shekhar Singh) ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है।

    स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने पवनाथड़ी मेले में सामानों की बिक्री और प्रदर्शनी के लिए स्टॉल लगाने के लिए महानगरपालिका को आवेदन दिया है। प्रशासन ने करीब आठ सौ स्वयं सहायता समूहों को स्टॉल उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। निर्धारित सीमा से अधिक आवेदन आने पर लॉटरी से स्टॉल आवंटित किए जाएंगे। कमिश्नर सिंह ने यह भी बताया कि इस वर्ष कुछ स्टॉल विकलांगों के साथ-साथ तृतीय पंथियों के लिए भी आरक्षित किए गए हैं। महानगरपालिका की ओर से पवनाथडी मेला वित्तीय वर्ष 2007-08 से शुरू किया गया था। हालांकि, कोविड-19 के प्रकोप के कारण पिछले दो वर्षों में इस मेले का आयोजन नहीं किया जा सका था। 

    इस साल करीब चार सौ स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे

    पवनाथड़ी मेला महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और व्यक्तिगत महिलाओं के लिए अपने उत्पादों का विपणन करने, महिलाओं में विपणन और बिक्री कौशल विकसित करने का एक प्रभावी माध्यम रहा है। इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए बिक्री प्रदर्शन के लिए स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं। वर्ष 2007 में इन स्टालों की संख्या करीब तीन सौ थी। इस साल करीब चार सौ स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक स्टॉल में दो स्वयं सहायता समूहों को बिक्री प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाएगा। यानी करीब आठ सौ स्वयं सहायता समूहों को स्टॉल उपलब्ध होंगे। 

    मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन 

    मेले में भाग लेने वाली महिला स्वयं सहायता समूहों को महानगरपालिका की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। स्टालों में विभिन्न निर्मित सामान, खाद्य पदार्थ बेचे और प्रदर्शित किए जाते हैं। समाज विकास अधिकारी सुहास बहादरपुरे ने बताया कि शुरुआत में 25 लाख रुपए का आर्थिक कारोबार करने वाले इस मेले का कारोबार करीब दो करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसमें तीन से पांच लाख लोगों के आने का अनुमान है। मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है।