Nana Patole
PHOTO- ANI

Loading

पुणे: महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) की सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने पुणे लोकसभा सीट (Pune Lok Sabha Seat) पर अपना दावा ठोंक दिया है, लेकिन पुणे लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस (Congress) के पास एनसीपी से ज्यादा ताकत है। इसलिए इस सीट को छोड़ने पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यह सख्त रुख शहर के पदाधिकारियों ने अपनाया हैं। इस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस ने पुणे सीट पर किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ने का फैसला किया हैं। इस संबंध में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस की ओर से मुंबई में राज्य की 48 लोकसभा सीटों की समीक्षा के लिए दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया था। शनिवार को पुणे लोकसभा सीट पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में पुणे लोकसभा सीट पर अपने अधिकार को बनाए रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में पुणे लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की ताकत की जानकारी स्थानीय पदाधिकारियों ने दी। स्थानिय पदाधिकारियों ने साफ कहा कि कांग्रेस को इस सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। बैठक के बाद पटोले ने कहा कि पुणे सीट को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी।

नए चेहरों को मौका देने की मांग

इस बैठक में कांग्रेस में चल रही गुटबाजी पर चर्चा करते हुए पदाधिकारियों ने अपनी भावना व्यक्त की और कहा कि पुणे कैन्टोन्मेंट बोर्ड कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन अब हमें वहां बहुमत क्यों नहीं मिल रहा है। सुरेश कलमाड़ी के बाद वही चेहरे शहर का नेतृत्व कर रहे हैं, युवाओं को मौका क्यों नहीं मिल रहा है। पुणे महानगरपालिका चुनाव के लिए भी नए चेहरों को मौका मिलना चाहिए। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले सहित संग्राम थोपटे, विश्वजीत कदम, मोहन जोशी, शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे, रमेश बागवे, कलाम व्यवये, गोपाल तिवारी, अभय छाजेड़, बालासाहेब शिवरकर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

एनसीपी-कांग्रेस फिर से आमने-सामने

पुणे लोकसभा सीट पर बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनावों में कांग्रेस को मात दी थी। इस स्थिति को व्यक्त करते हुए एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा था कि पुणे में एनसीपी की ताकत बढ़ गई है। पार्टी के दो विधायक और 40 नगरसेवक हैं। इसलिए पुणे लोकसभा सीट को एनसीपी को सौंप दिया जाना चाहिए। ऐसे में अब कांग्रेस ने पुणे लोकसभा सीट पर अड़े रहने का रुख अपना लिया है। ऐसे में पुणे लोकसभा सीट को लेकर एनसीपी-कांग्रेस के फिर से आमने-सामने आने की संभावना हैं।

राजनीतिक दलों ने शुरु की चुनाव की तैयारी

पुणे लोकसभा सीट को लेकर एनसीपी और कांग्रेस के बीच खींचतान शुरू हो गई है। इस बीच, आगामी लोकसभा चुनाव मुश्किल से एक साल दूर हैं। इसलिए राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। एनसीपी के बाद अब कांग्रेस ने भी क्षेत्रवार समीक्षा बैठक शुरू कर दी है। इसी के तहत शनिवार को मुंबई में पुणे लोकसभा सीट की समीक्षा की गई। इस बैठक में कांग्रेस ने पुणे की सीट किसी भी सूरत में एनसीपी को नहीं देने पर अड़ी नजर आई।

पुणे लोकसभा सीट कांग्रेस के पास रहेगी और इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह मुंबई में पार्टी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। इसलिए यह सीट किसी भी सूरत में एनसीपी को नहीं दी जाएगी।

-मोहन जोशी, उपाध्यक्ष, कांग्रेस प्रदेश कमेटी