Protest

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    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ शहर (Pimpri-Chinchwad City) को जलापूर्ति (Water Supply) करने वाला पावन बांध पिछले साल के मानसून में 100 फीसदी भर गया था। बावजूद शहर के अधिकांश हिस्सों में जलापूर्ति पर असर हुआ है। विशेष रूप से झुग्गी-झोपड़ियों और चाल क्षेत्रों में कम दाब और अनियमित जलापूर्ति (Irregular Water Supply) की जाती है। इसके विरोध में महिला कांग्रेस की ओर से महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Headquarters) पर मोर्चा (Protest) निकाला गया। 

    अगले एक पखवाड़े में पूरे शहर में पूरा प्रेशर और नियमित जलापूर्ति की जाए, अन्यथा महानगरपालिका भवन को हजारों महिलाएं घेरेंगी। यह चेतावनी महिला कांग्रेस की ओर से दी गई।

    महानगरपालिका भवन के पास पुलिस ने रोका

    महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सायली नढे के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने महानगरपालिका भवन पर धरना दिया। इससे पहले पिंपरी चौक स्थित महात्मा ज्योतिराव फुले और भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारकों पर माल्यार्पण करने के बाद यह मोर्चा मोरवाड़ी चौक पहुंचा। वहां अहिल्याबाई होल्कर के स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद पुलिस ने महानगरपालिका भवन के प्रवेश द्वार के सामने मोर्चा को रोक दिया। वहां मोर्चा सभा में तब्दील हो गई। रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के शहराध्यक्ष डॉ. कैलाश कदम ने कहा कि जब मैं विपक्ष का नेता था, मैंने प्रशासन से मांग की थी कि महानगरपालिका नागरिकों के लिए एमआईडीसी से वाणिज्यिक दरों पर पानी न लें।

     बीजेपी ने 24 घंटे जलापूर्ति का किया था वादा 

    डॉ. कैलाश कदम ने कहा कि बीजेपी ने पांच साल पहले पिछले आम चुनाव में चौबीसों घंटे जलापूर्ति का वादा किया था। उन्होंने भामा-आसखेड़, आंध्र बांध से जलापूर्ति योजना शुरू करने का भी आश्वासन किया था। पिछले पांच वर्षों में बीजेपी ने इस घोषणापत्र में सभी आम नागरिकों को खुश करने के लिए कुछ भी नहीं किया है। इसके विपरित, अगली जुलाई तक पर्याप्त पानी की आपूर्ति के बावजूद शहर के अधिकांश हिस्सों में रात में मलीन बस्तियों में अपर्याप्त पानी की आपूर्ति की जाती है। पानी नहीं होते हुए भी पानी का मीटर चलने लगता है। बीजेपी नगरसेवकों, पदाधिकारी और प्रशासन जानबूझ कर जलापूर्ति का राजनीतिकरण कर रहे हैं। इसलिए महिलाओं को परेशानी हो रही हैं।

    बीजेपी और महानगरपालिका जिम्मेदार  

    दूषित पानी का प्रकोप तेज होता जा रहा है। इसके लिए बीजेपी और महानगरपालिका जिम्मेदार हैं। इस मोर्चे में पूर्व नगरसेविका निर्मला कदम, छाया देसले, निर्मला खैरे, वैशाली शिंदे, तुलसी नांगरे, स्वाति शिंदे, भारती घाग, डॉ. सुनिता पुलावले, रमा भोसले, सुप्रिया मलशेट्टी, रझीया शेख, आशा भोसले, अनिता डोलस, रेखा ओव्हाल, शिल्पा गायकवाड, दिशा बनसोडे, कल्पना बनसोडे, नंदा तुलसे, अनिता धर्माधिकारी आदि समेत सैकड़ों महिलाएं शामिल हुई।