Maharashtra ATS detains man in Ratnagiri for questioning in terror suspects case
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पुणे: आईटी कंपनी (IT Company) में नौकरी (Job)दिलाने का झांसा देकर कई लोगों से लाखों रुपए की ठगी (Fraud) करने वाले चार लोगों को पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस (Pimpri-Chinchwad Police) ने गिरफ्तार (Arrested) किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम महेश कुमार हरिश्चंद्र कोली (सोमवार पेठ, पुणे), अनोदीप चंद्रकांत पशुपति उर्फ शर्मा (वाघोली), श्रवण एकनाथ शिंदे (वाघोली), कल्पना मारुति बाखल (दिघी) हैं।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी महेश कुमार टेक्नोलॉजी एसएपी, एमएम एंड एमके मैनेजमेंट सर्विस नाम से एजेंसी चला रहा था। उसने खराड़ी के विमाननगर में आईटी कंपनियों में नौकरी दिलाने का लालच देकर 70 युवाओं से ठगी की है।

फर्जी नौकरी नियुक्ति पत्र दे दिया

आरोपी इंटरनेट पर विज्ञापन दे रहा था। उसके संपर्क में आने वाले युवाओं को नौकरी का झांसा देकर पैसे की मांग करता था। उसने कई लोगों से लाखों रुपए लिए और फर्जी नौकरी नियुक्ति पत्र दे दिया। 26 जून 2023 को कमलेश गंगावणे ने भोसरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। संपर्क करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी का आश्वासन दिया जाता है। कहा गया था कि पहले तीन महीने की ट्रेनिंग और इस दौरान 15 हजार सैलरी और फिर लाखों का पैकेज दिया जाएगा। 

पुलिस में शिकायत दर्ज 

जब आरोपी ने शिकायतकर्ता से 1 लाख 80 हजार की मांग की तो उसने 1 लाख 68 हजार दिए। इसके बाद आरोपी महेश कुमार ने ई-मेल पर नियुक्ति पत्र भेज दिया। यह घटना 12 अगस्त 2022 से 22 नवंबर 2022 के बीच घटी। नियुक्ति पत्र में खराडी की एक कंपनी में नौकरी मिलने की जानकारी थी, लेकिन शिकायत में कहा गया है कि कंपनी में कोई काम नहीं था, कोई प्रोजेक्ट नहीं था। बताया गया कि कंपनी का मालिक एक नया प्रोजेक्ट लेकर आ रहा है। पहले कुछ दिनों तक वेतन समय पर दिया गया। बाद में कंपनी द्वारा घाटे में होने की बात कहकर पैसे देने से इनकार करने पर शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

लोगों से पुलिस ने की ये अपील

पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस की क्राइम ब्रांच 4 ने जब आरोपी को गिरफ्तार कर जांच की तो पता चला कि आरोपी अनोदीप शर्मा ने ई-पवेलियन कंपनी खराड़ी और बेनक सॉफ्टवेयर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कंपनियां बनाई थी। वह अपना नियुक्ति पत्र दे रहा था। उस समय वह युवाओं से फोन-पे, गूगल-पे, चेक के जरिए पैसे ले रहा था, लेकिन हकीकत में पता चला कि ये कंपनियां अस्तित्व में ही नहीं हैं। मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शंकर अवताडे कर रहे हैं। जिस किसी के साथ भी इस तरह से धोखाधडी की गई हो, वह लोग क्राइम ब्रांच यूनिट-4 पिंपरी-चिंचवड़ से संपर्क करें, यह अपील पुलिस द्वारा की गई है।