पिंपरी: तीन माह का बकाया वेतन मांगने पर एक महिला सफाई कर्मचारी के साथ बेरहमी से मारपीट किे जाने की घटना पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad City) के निगड़ी इलाके में सामने आई है। शुरू में पुलिस ने इसे एनसी यानी अदखलपात्र मामला बताया था। हालांकि इस मारपीट का सीसीटीवी फुटेज वायरल (CCTV Footage Viral) होने और सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद एट्रोसिटी की धारा के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बहरहाल इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जिला और पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संबंधित महिला एक ट्रान्सपोर्ट ऑफिस में साफ-सफाई का काम करती हैं। उसे तीन माह से वेतन नहीं मिला है। जब उसने अपना बकाया वेतन मांगा तो उसे नौकरी से हटा दिया गया और दूसरे दिन वेतन के लिए बुलाया गया। जब महिला वापस वेतन मांगने गई तब आरोपी ने उसके साथ बदसलूकी की। इसके चलते दोनों के बीच विवाद हुआ और बात हाथापाई तक पहुंच गई। इसमें आरोपी जो ट्रांसपोर्ट ऑफिस के मालिक का भाई है, ने महिला को लहूलुहान होने तक पीटा। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। यह पूरी घटना निगडी इलाके के सिटी प्राइड कॉम्प्लेक्स में घटी।
साफ़ सफ़ाई करने वाली ने 3 महीने से रुकी हुई पगार माँगी तो मालिक ने बदले में बुरी तरह पीट दिया। शर्मनाक घटना महाराष्ट्र के पुणे की। pic.twitter.com/3Mf74QZiYL
— Anurag Chaddha (@AnuragChaddha) March 22, 2023
निगड़ी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज
इस मामले में हर्षद कमाल खान (23) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 323, 504 के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार प्रतिबंध कानून 1989 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। उसके खिलाफ एक 42 वर्षीय महिला ने निगड़ी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। बहरहाल पुलिस ने पहले इस मामले को हल्के में लेकर अदखलपात्र मामला दर्ज किया था।
सीसीटीवी फूटेज वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस
हालांकि एमआईएम के उपाध्यक्ष दीपक कांबले सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा आवाज उठाने और महिला के साथ की गई मारपीट का सीसीटीवी फूटेज वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। निगड़ी पुलिस मामले की जांच कर रही है। बहरहाल इस मामले में एड. सागर चरण द्वारा संज्ञान में लाये जाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस जारी कर जिला कलेक्टर और पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा है।