पिंपरी: नए स्कूल, अस्पताल, सिटी सेंटर समेत पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कार्यक्षेत्र में नए प्रोजेक्ट के लिए स्थापत्य विभाग के अंतर्गत अलग से स्थापत्य प्रकल्प उपविभाग की स्थापना की गई है। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक राजेश पाटील के आदेशानुसार इस उपविभाग का अतिरिक्त पदभार सह शहर अभियंता प्रमोद ओंभासे को सौंपा गया है।
कमिश्नर राजेश पाटिल ने बताया कि महानगरपालिका के स्थापत्य से संबंधित सभी कार्य नियोजित समय और गुणवत्ता में सुनिश्चित करने के लिए यह उपविभाग बनाया गया है। इस विभाग का कामकाज सह शहर अभियंता को सौंपने की भी मंजूरी दी गई है। तद्नुसार सह शहर अभियंता प्रमोद ओंभासे को ‘सह शहर अभियंता, परियोजना’ उपविभाग का अतिरिक्त पद सौंपा गया है। इस नवस्थापित विभाग के कामकाज के लिए वर्तमान में बीआरटीएस विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को भी काम करने का आदेश दिया है।
नई परियोजनाएं शुरू की जानी हैं
स्थापत्य (सिविल इंजीनियरिंग) विभाग के माध्यम से नई बड़े पैमाने की परियोजनाएं शुरू की जानी हैं। बीआरटीएस, महानगरपालिका के स्कूल, डिस्पेंसरी, अस्पताल के अंतर्गत सभी वास्तु संबंधी कार्य इसी उपविभाग के माध्यम से किए जाएंगे। इस विभाग द्वारा शुरू की जाने वाली परियोजनाओं के लिए आवश्यकतानुसार परामर्शदाताओं की नियुक्ति की जाएगी।
स्थापत्य विभाग के अधिकारियों के पदभारों में फेरबदल
महानगरपालिका में इंजीनियरिंग पदों से संबंधित इंजीनियरिंग, जलापूर्ति और जल निकासी विभाग के अधिकारियों के पदभारों में भी फेरबदल किए गए हैं। महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक राजेश पाटिल द्वारा जारी किए आदेश के अनुसार शहर अभियंता मकरंद निकम महानगरपालिका के अंतर्गत भवन अनुज्ञापत्र और अनाधिकृत निर्माण नियंत्रण, सीसीटीवी निगरानी परियोजनाओं और स्मार्ट सिटी के प्रभारी होंगे। साथ ही ए, बी, सी, ई, एफ, सी क्षेत्रीय कार्यालयों के वास्तु विभाग के कामकाज के संबंध में पहले शहर के इंजीनियरों की अंतिम मंजूरी लेना जरूरी होगा। उनकी स्थापना से संबंधित मामले भवन अनुज्ञा और अनाधिकृत निर्माण नियंत्रण विभाग के पास होंगे। वह पहले वास्तुकला विभाग के प्रभारी थे।
श्रीकांत सावणे को जलापूर्ति विभाग का प्रभार सौंपा गया
सह शहर अभियंता ज्ञानदेव जुंधारे को ए, बी, सी, ई, एफ, सी क्षेत्रीय कार्यालयों के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सह शहर अभियंता श्रीकांत सावणे को जलापूर्ति विभाग का प्रभार सौंपा गया है और उनके स्थापना मामले जलापूर्ति और जल निकासी विभाग के पास होंगे। इससे पहले उन्होंने आर्किटेक्चर, बीआरटीएस और परिवहन योजना विभाग की जिम्मेदारी थी।