tax and water bill

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पिंपरी: तमाम उपायों के बावजूद पानी बिल (Water Bill) की अपेक्षित वसूली नहीं हो पा रही है। जलापूर्ति विभाग पानी बिल की वसूली में अपर्याप्त साबित हो रहा है। इसके चलते पानी बिल की वसूली अब कराधान और कर संग्रहण विभाग के जिम्मे दी जाएगी। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के अपर आयुक्त प्रदीप जांभले ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पानी बिल या जल कर संग्रहण का कार्य कराधान एवं कर संग्रहण विभाग को सौंप दिया जाएगा क्योंकि जल कर संग्रहण (Water Tax Collection) का काम प्रभावी रूप से नहीं हो रहा हैं।

पिंपरी-चिंचवड शहर में अभी 5 लाख 94 हजार संपत्तियां महानगरपालिका के पास दर्ज है। शहर में घरेलू और व्यवसायिक मिलाकर एक लाख 72 हजार अधिकृत नल कनेक्शन हैं। महानगरपालिका के कराधान एवं कर संग्रहण विभाग ने संपत्ति कर से अब तक 800 करोड़ रुपए एकत्र कर लिए हैं। एक ओर जहां कर संग्रहण विभाग की आय दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वहीं जलापूर्ति विभाग से पानी बिल की वसूली प्रभावी रूप से नहीं की जा रही है। जल कर की प्रभावी वसूली के लिए इसकी जिम्मेदारी जलापूर्ति से हटाकर कराधान व कर संग्रहण विभाग को सौंपने का विचार किया जा रहा था।

नल कनेक्शन धारकों पर जलदाय विभाग का 72 करोड़ रुपए बकाया 

पानी बिल या जल कर से वित्त वर्ष 2019-2020 में 42 करोड़ 94 लाख 23 हजार, 2020-2021 में 41 करोड़ 86 लाख 26 हजार, 2021-2022 में 54 करोड़ 98 लाख 89 हजार और चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 55 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। जबकि नल कनेक्शन धारकों पर जलदाय विभाग का 72 करोड़ रुपए बकाया है। राज्य के कुछ मनपाओं में जल कर संग्रहण एवं कर संग्रहण की संयुक्त कार्यवाही की जाती है। इसी तर्ज पर पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन ने कर संग्रहण एवं जल कर संग्रह को कर संग्रह एवं कराधान विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है।

मीटर निरीक्षकों और प्लंबरों की मदद ली जाएगी

इसकी जानकारी देते हुए अपर आयुक्त जम्भले ने बताया कि 2023-24 में पानी बिल या जल कर संग्रहण का कार्य कराधान एवं कर संग्रहण विभाग को सौंप दिया जाएगा। नल कनेक्शन में एक प्रकार का जल मीटर प्रदान किया जाता है जैसे सामूहिक सोसायटी मीटर, गैर मीटर, व्यक्तिगत जल मीटर। इसमें तिमाही, छमाही, सालाना मीटर रीडिंग ली जाती है। इसलिए संपत्तियों को जोड़ना तकनीकी रूप से कठिन है। हालांकि, कर संग्रह के लिए शहर में 17 संभागीय कार्यालय हैं। कर संग्रह विभाग इसी विधि से जल कर की वसूली भी करेगा। इसके लिए जलदाय विभाग के मीटर निरीक्षकों और प्लंबरों की मदद ली जाएगी।