MP Gajanan Kirtikar

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    मुंबई: विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने पिछले दिनों अपने बजट भाषण के दौरान निधि आवंटन (Fund Allocation) को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आंकड़ेवारी के जरिए यह बताने का प्रयास किया था कि कि बजट का 57 प्रतिशत निधि एनसीपी (NCP) मंत्रियों को मिल रही है, जबकि शिवसेना (Shiv Sena) को केवल 16 प्रतिशत निधि पर ही संतोष करना पड़ रहा है। निधि (Fund) को लेकर अब शिवसेना में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। शिवसेना नेता और सांसद गजानन  कीर्तिकर (MP Gajanan Kirtikar) ने महाविकास आघाड़ी पर चुटकी लेते हुए कहा है कि ठाकरे सरकार तो सिर्फ नाम है। असल में लाभ पवार सरकार ले रही है। कीर्तिकर के बयान पर राजनीतिक चर्चा तेज हो गयी है। 

    रत्नागिरी जिला अंतर्गत दापोली तहसील के शिर्दे-वडवली, ब्राम्हणवाडी से कोलबांद्रे सड़क निर्माण के भूमिपूजन अवसर पर शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने अपनी ही सरकार पर विकास कार्यों के लिए निधि नहीं मिलने कोलेकर पर तंज कसा है। 

    निधी प्राप्त करने के लिए बड़ी स्पर्धा 

    गजानन  कीर्तिकर ने कहा कि विधायक राज्य सरकार से निधि मांगते हैं। जिससे वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास काम कर सकें, लेकिन ग्राम विकास मंत्रालय की योजनाओं से निधी प्राप्त करने की बड़ी स्पर्धा देखने को मिलती है। मुंबई में हमारे पास निधि रहता है जैसे सीएम फ़ंड, नगरविकास का फंड। लेकिन ग्रामीण इलाके से जो लोक प्रतिनिधी आते हैं, उन्हें कितने गांव देखने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मुझसे जितनी मदद हो पाती है उतनी मदद, ऐसे विधायकों की  ज़रूर करता हूं। हम कहते हैं ठाकरे सरकार, लेकिन असल में इसका लाभ ले रही हैं पवार सरकार। इसी वजह से तनाव बढ़ता है। कार्यक्रम में स्थानीय शिवसेना विधायक योगेश कदम और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। 

    विधायक निधि को किया पांच करोड़ 

    विकास कामों के निधि को लेकर ठाकरे सरकार में पहले से ही नाराज़गी है। करोना काल में सिर्फ़ कुछ मंत्रियों के विभागों को ही फंड़ अलॉट किया गया था, लेकिन उसके बाद कांग्रेस के नेता अपने विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से मिले थे और उनसे शिकायत थी की उन्हें निधि नहीं मिल रहा है। शिवसेना नेताओं की तरफ से कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय एनसीपी के पास है और उप मुख्यमंत्री अजित पावर उसके प्रमुख हैं। बजट भाषण के दौरान उप मुख्यमंत्री ने विधायक निधि 4 करोड़ से बढ़ा कर 5 करोड़ करने की घोषणा की है।