मुंबई: महाराष्ट्र (Maharshtra) में पिछले कई दिनों से एक मामला चर्चा में है और वो है CM शिंदे (CM Shinde) समेत 16 विधायकों की अपात्रता मामला (MLA Disqualification Case)। बता दें कि इस पर गुरुवार को स्पीकर राहुल नार्वेकर (Speaker Rahul Narvekar) के समक्ष विधान भवन में करीब ढाई घंटे तक सुनवाई हुई। शिंदे गुट (Shinde Faction) के वकील इस बात पर अड़े हैं कि सभी 34 याचिकाओं का एक साथ विलय नहीं करना चाहिए। हर याचिका की वजहें अलग-अलग हैं। इसलिए इसकी सुनवाई अलग होनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते है सुनवाई में क्या-क्या हुआ…
शिंदे गुट के वकील ने कहा..
शिंदे गुट के वकील अनिल साखरे ने कहा कि सभी विधायकों को अपना निजी पक्ष रखने का अधिकार है। इसलिए यदि याचिकाओं का विलय किया जाता है तो विधायकों का अधिकार अस्तित्व में नहीं रहेगा। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के वकील देवदत्त कामत ने कहा कि सभी। याचिकाएं एक मुद्दे से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में सभी की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि जब हर याचिका में मुद्दे अलग-अलग हैं तो याचिकाओं को एक साथ मिलाने की मांग पर फैसला कैसे दिया जा सकता। इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष 20 अक्टूबर को अंतिम फैसला ‘सुनाएंगे जिसके बाद तय होगा कि इस मामले में सभी याचिकाओं की सुनवाई अलग-अलग होगी या फिर इसे विलय कर दिया जाएगा।
न्याय में देरी अन्याय
यही नहीं बल्कि सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए शिवसेना ठाकरे गुट (Thackeray faction) के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों पर अपात्रता की तलवार लटक रही है। ऐसे में इस मामले में कानून का उल्लंघन कर समय बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर याचिका पर अलग- अलग सुनवाई करने में काफी देर होगी। साथ ही सभी विधायकों को अलग-अलग सुनना भी उचित नहीं है। सभी का पक्ष एक साथ लिया जाना चाहिए। देसाई ने कहा कि न्याय में देरी अन्याय करने के समान है।
‘शिंदे गुट कर रहा टाइम पास’
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस दौरान ठाकरे गुट की ओर से 3 आवेदन सामने आये है। उनमें सबसे पहले उन्होंने कहा है। अपात्रता पर फैसले में देरी हो रही है। उसके बाद उन्होंने यह भी कहा है कि यदि पहले की याचिकाओं पर सुनवाई हो जाए तो मामला जल्द निपट जाएगा। इसके बाद CM को टारगेट करते हुए कहा कि शिंदे गुट टाइम पास कर रहा है। इस तरह ठाकरे गुट ने अपने आवेदन में अपना इस तरह पक्ष रखा है।
ठाकरे गुट के नेता मौजूद तो शिंदे के नहीं
कल यानी गुरुवार को हुई अपात्रता पर सुनवाई के लिए विधान भवन में उद्धव ठाकरे गुट से सांसद अनिल देसाई, विधायक अनिल परब, विधायक अजय चौधरी और शिवसेना के वकील अनिल साखरे व देवदत्त कामत मौजूद थे जबकि शिंदे गुट की ओर से कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था। अब ऐसे में इस ठाकरे गुट के ज्यादातर नेताओं की मौजूदगी और शिंदे गुट के बड़े नेताओं की अनुपस्थिति इनके जीत हार पर क्या असर डालती है यह देखना होगा।
आज NCP और गुट की याचिका पर सुनवाई
आपको बता दें कि आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में राकां और ठाकरे गुट की याचिका पर भी सुनवाई होगी। इन दोनों गुटों ने आरोप लगाया है कि बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका पर फैसला लेने में नार्वेकर देरी कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि स्पीकर के वकील इसका क्या जवाब देते हैं और इस मामले को लेकर क्या होता है, क्या एक बार फिर इस मामले को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गरमाएगी?