After the warning of MLA Ganesh Naik, Shiv Sena filed a caveat in the court

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    नवी मुंबई : प्रभाग रचना में गड़बड़ी करने का आरोप (Allegation) लगाते हुए भाजपा के विधायक (BJP MLA) गणेश नाईक (Ganesh Naik) ने इस मामले में कोर्ट (Court) का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए शिवसेना (Shiv Sena) के शहर प्रमुख किशोर पाटकर (Kishor Patkar) ने विधायक नाईक द्वारा याचिका दायर करने के पहले ही इस मामले में कोर्ट में कैविएट दायर किया है। जिससे यह संकेत मिलता है कि महानगरपालिका चुनाव के पहले भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच कोर्ट में लड़ाई (Battle) होने वाली है।

    गौरतलब है कि 111 वार्डों वाली नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) में पहली बार प्रभाग रचना के हिसाब से चुनाव होने वाला है। जिसके चलते जनसंख्या के आधार पर इस बार 11 नए वार्ड बनाए गए हैं, जिसकी बदौलत अब महानगरपालिका के वार्डों की संख्या 122 हो गई है। जिसके लिए 3 सदस्यीय पैनल के हिसाब से 40 प्रभाग और 2 सदस्यों वाला एक पैनल समेत कुल 41 प्रभागों में बांटा गया है। नए प्रभाग रचना को 1 फरवरी को सार्वजनिक किया गया था, जिसके बारे में सुझाव और आपत्ति दर्ज कराने के लिए 14 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक का समय दिया गया है। नई प्रभाग रचना के सार्वजनिक होने के बाद भाजपा के विधायक गणेश नाईक ने भारी गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए इसमें सुधार करने की मांग महानगरपालिका  प्रशासन से की। सुधार नहीं किए जाने पर नाईक ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी। जिसके बाद शिवसेना के नवी मुंबई शहर प्रमुख किशोर पाटकर ने कोर्ट में कैविएट दायर किया है।

    वार्डों में तोड़-मरोड़ से भाजपा को होगा नुकसान

     नई प्रभाग रचना की सबसे बड़ी मार भाजपा पर पड़ने की संभावना नजर आ रही है। नई प्रभाग रचना में भाजपा के गढ़ माने जाने वाले कई वार्डों को 2 से 3 हिस्सों में बांटकर प्रभाग बनाने का मामला प्रकाश में आया है। यह तोड़-मरोड़ रबाले में पूर्व महापौर सुधाकर सोनवणे, नेरूल स्थित कुकशेत में सूरज पाटिल, पावने में शशिकांत भोईर, सीबीडी में डॉ. जयाजी नाथ, नेरूल में नेत्रा शिर्के, सीबीडी में अशोक गुरखे और तुर्भे में अमित मेडकर और अनवर शेख के वार्डों में सबसे ज्यादा हुआ है। इन 8 वार्डों में तोड़-मरोड़ करके प्रभागों की रचना की गई है। जिसकी वजह से भाजपा को जहां भारी नुकसान होने वाला है, वहीं महाविकास आघाड़ी को इससे फायदा होने की संभावना नजर आ रही है।

    दलबदल के बाद भी नाईक के पास रही सत्ता

    नवी मुंबई महानगरपालिका की स्थापना से लेकर अब तक विधायक गणेश नाईक द्वारा 2 बार दल बदल किया है। इसके बावजूद महानगरपालिका की सत्ता की कमान नाईक के पास ही रही है। नाईक पहले शिवसेना में थे, इसके बाद उन्होंने राकां का दामन थामा था। राज्य में होने वाले विगत विधानसभा चुनाव के पहले नाईक ने भाजपा में प्रवेश किया था। विधानसभा के चुनाव में उन्हें भाजपा ने ऐरोली विधानसभा से टिकट दिया, जहां से वह विधायक चुने गए। जिन 2 पार्टियों को छोड़कर नाईक भाजपा में आए हैं, वहीं दोनों पार्टियां अब नाईक को महानगरपालिका की सत्ता से बाहर करने के लिए चुनावी बिसात बिछाने में जुटी हुई हैं। वहीं नाईक महानगरपालिका की सत्ता की कमान अपने हाथ में रखने के लिए कमर कस रहे हैं।