सीएम शिंदे के गृहक्षेत्र के नागरिक प्यासे!, ठाणेकरों को पानी की किल्लत का करना पड़ रहा सामना

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    ठाणे : ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) ने अपनी योजना के तहत जलापूर्ति करने वाली अशुद्ध जलवाहिनी के मरम्मतीकरण का काम शुरू किया है। इसलिए अब इस योजना के तहत होने वाली कुल जलापूर्ति (Water Supply) में से केवल 50 प्रतिशत ही जलापूर्ति की जा रही है। जिसके कारण राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) के ठाणे शहर (Thane City) में ठाणेकरों को पानी की किल्लत (Water Shortage) का सामना करना पड़ रहा हैं। ठाणे महानगरपालिका की ओर से पाइप लाइन के मरम्मतीकरण और रख-रखाव के लिए चार दिनों से पानी की कटौती की जा रही है। हालांकि लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े इसलिए महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग की तरफ से जोनिंग सिस्टम द्वारा जल नियोजन की योजना बनाई गई है। 

    इस पद्धति की पहली मार मंगलवार को घोड़बंदर इलाके में देखने को मिली। घोड़बंदर क्षेत्र की कई सोसायटियों को मंगलवार को टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ी क्यों कि महानगरपालिका ने कहीं पर 12 घंटे और कहीं पर 24 घंटे के अंतर से पानी देने का निर्णय लिया है। साथ ही पानी की कमी से प्रभावित क्षेत्रों में महानगरपालिका के 9 टैंकरों के माध्यम से मुफ्त पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह भी देखा गया कि मंगलवार से पानी की इस कमी से निजी टैंकर चलने लगे है। मंगलवार को एक दिन में शहर के अलग-अलग हिस्सों में करीब 50 राउंड टैंकर देखे गए। महानगरपालिका के जलापूर्ति विभाग ने बताया कि महानगरपालिका के 27 और निजी टैंकरों के 23 राउंड हुए है। 

    टैंकर चालक कर रहे मनमाना सूली!

    कुल मिलाकर महानगरपालिका निजी टैंकर चालकों से प्रति टैंकर 700 रुपये वसूलती है। लेकिन चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि टैंकर चालक सोसायटियों को टैंकर उपलब्ध कराने के एवज में 4 से 7 हजार रुपए वसूल रहे हैं। कुल मिलाकर यही लग रहा है कि निजी टैंकर चालकों द्वारा यह लूटपाट मंगलवार से शुरू हुई है। पानी की कमी से जूझ रहे सोसायटी वाले भी मजबूर होकर उन टैंकरों को खरीद रहे हैं। परंतु इस तरह की वसूली पर लगाम कौन लगाएगा, यह सवाल इस मौके पर उठ रहा है।