बरसात ने दे दी दस्तक, नहीं हुई 100 फीसदी नालों की सफाई

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ठाणे. बरसात दस्तक दे दी है. भले ही अब तक बरसात ने अपना जोर नहीं पकड़ा है, लेकिन आगामी दिनों में तेज बरसात होने की आशंका मौसम विभाग ने जताई है. लेकिन यदि शहर के नालों की सफाई को देखा जाए अपेक्षा से कम ही सफाई हुई है. कई नालों में जहां कचरे का ढेर दिखाई दे रहा है तो कहीं ऐसे नालें हैं, जिनमें से कचरा तो निकाला गया है, लेकिन कचरे का मलबा नाला के बाहर रखा गया है और अभी उठाया नहीं गया है. इससे साफ़ नजर आ रहा है कि यदि तेज बारिश हुई तो यह कचरा भी नाला में चला जाएगा. इतना ही नहीं मनपा द्वारा 95 फीसदी नाला के सफाई का दवा भी झूठा साबित होता दिखाई दे रहा है.  

बारिश आने से पहले गटर, नाला, नाली की सफाई होती थी, इस साल लॉकडाउन के वजह से थोड़ा देर जरूर हुई है, लेकिन सफाई का दवा मनपा प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है. लेकिन पूरी तरह से सफाई न होने से जलजमाव की पूरी आशंका बनी हुई है. गौरतलब है कि ठाणे शहर में करीब 132 कि.मी. लंबाई के कुल 13 बड़े व 30 छोटे नाले हैं. इन नालों की सफाई आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए कई ठेकेदारों को करोड़ों का काम दिया गया था. जबकि इस बार बरसात जल्दी आने और अच्छी बरसात होने का अंदाज स्कायमेट नामक संस्था ने व्यक्त किया है. ऐसे में नाला सफाई भी उसी तेजी से किया जाना चाहिए था. भले ही 31 मई डेडलाइन नाला सफाई का जाहिर किया गया था और अब जून का आधा महीना भी बीत चुका है, लेकिन प्रत्यक्ष तौर पर देखा जाए तो अब तक सिर्फ 60 से 70 फीसदी काम होता नजर आ रहा है. 95 फीसदी नाला सफाई का दावा प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है. शहर के अधिकांश नालों में कूड़ा-करकट के साथ-साथ मलबा का ढेर नजर आ रहा है. जिससे इस साल नाला सफाई पर नौ करोड़ खर्च किया गया है जोकि नाला में कचरों के साथ जाता दिखाई दे रहा है. 

नालों में कई लगों के बहने की घटना हो चुकी है घटित 

यदि शहर के नालों की सफाई और हादसों पर नजर डाली जाए 29 अगस्त 2017 को ठाणे में बरसात में बहने से चार लोगों को मौत हो गई थी. जिसमें कोरम मॉल के पास एक बच्ची अपने दरवाजे से नाले में बह गई थी. जबकि एक महिला भी बह गई थी. इतना ही नहीं रामनगर में एक माँ और बेटी को बचाने के चक्कर में खुद बह गयी थाी और कई महीनों बाद शव को बरामद किया गया था. इतना ही नहीं शहर हो या फिर कलवा, मुंब्रा, वागले, वर्तकनगर, चिराग नगर, हीरानंदानी परिसर, ब्रह्मांड, बालकुम, कोलशेत आदि इलाकों में पानी भर गया था. इस दौरान किसी भी पर भी कार्रवाई नहीं किया गया था. ऐसे में इस बार जिस प्रकार नालासफाई हो रही है, ऐसे में फिर से 2017 जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने की आशंका बढ़ गई है. 

 इन नालों में है कचरा 

वैसे नवभारत ने  नालों का जायजा लिया तो शहर के कई नालों में कचरा जाम नजर आया. जिसमें मुख्य रूप से पातली पाड़ा उड़ान पल के पास थित नाला, वर्तक नगर के पुलिस स्टेशन परिसर में शिवसेना शाखा के पास का नाला, साठे नगर नाला, हीरानंदानी इस्टेट परिसर में फायर ब्रिगेड के पास का नाला, कापुरबावड़ी, माजीवाड़ा, साकेत पुलिस ग्राउंड, किसन नगर नंबर तीन का नाला और मुंब्रा और कलवा के कई छोटे बड़े नालों का समावेश है. कुछ नाला बिलकुल साफ़ नजर आया. जिसमें मुख्य रूप से नितिन कंपनी के पास कोरम मॉल के पास का नाला, सिविल अस्पताल आंबेडकर नगर के पास का नाला, राबोडी, कोपरी आदि नालों का समावेश है. 

शहर के नालों की सफाई 95 फीसदी हो चुकी है. कुछ नालों के पास कचरा निकालकर सूखने के लिए रखा गया है. इसे जल्द ही उठा लिया जाएगा. साथ ही अक्टूबर तक नालों में कचरा जाम होता है या अन्य कोई परेशानी आती है तो उसकी जिम्मेदारी ठेकेदारों की होगी. इसके भी ही इन्हें बिल की अदायगी की जाएगी.

-अशोक बुरपूल्ले (उपायुक्त-घन कचरा विभाग, ठाणे मनपा)