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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    ठाणे : ठाणे पुलिस (Thane Police) ने व्यवसायी (Businessman) से डेढ़ करोड़ की ठगी के आरोप में एक सरकारी बैंक के प्रबंधक और बीमा कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब इस मामले की जांच ठाणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा गया है और इसकी जांच में वह जुट गई है। 

    मिली जानकारी के अनुसार पॉवरलूम व्यवसायी नरसय्या गाजुला ने साल 2012 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 5 करोड़ का कर्ज लिया था। उस समय बैंक के प्रबंधक बालकृष्ण अय्यर ने गाजुला को उसकी पत्नी के बीमा एजेंट होने और उसका टारगेट पूरा करने के लिए बीमा में रुपये लगाने की बात कही थी। अय्यर ने बताया था कि 9 वर्ष में दोगुना राशि मिलेगी और उसके अलावा बोनस मिलेगा। अय्यर की बातों में आकर गाजुला ने पत्नी और बच्चों सहित खुद के नाम पर 99 लाख 99 हजार 778 रूपये का निवेश किया और उसे मैच्युरिटी पर 1 करोड़ 49 लाख 70 हजार तथा बोनस मिलना था।

    अय्यर ने तीन माह में एलआईसी पॉलिसी के मूल कागज पत्र को मिलने की बात कही थी। अय्यर के विश्वास के चलते गाजुला को पॉलिसी का ध्यान नहीं रहा और उसे कोई कागज पत्र नहीं मिला था। कर्ज की अदायगी न कर पाने के चलते 2018 में बैंक की तरफ से गाजुला के घर को सील करने की प्रक्रिया शुरू की गई।  उस समय गाजुला ने बैंक वालों से बातचीत कर बिमा पॉलिसी की राशि को मिलाकर 2 करोड़ पर सेटेलमेंट की बात तय की।  लेकिन गाजुला ने जब बीमा कंपनी से संपर्क किया तो पता चला की उसकी, उसकी पत्नी और बच्चों के फर्जी हस्ताक्षर कर रुपये निकाल लिए गए थे और वह समीर दास नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हुआ था। ठगी का खुलासा होने के बाद गाजुला ने बैंक प्रबंधक बालकृष्ण अय्यर, समीर दास और बीमा अधिकारियों के खिलाफ भिवंडी शहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया। गाजुला का आरोप है कि बीमा कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत कर उसको ठगा गया है। मामले में आगे की छानबीन आर्थिक अपराध शाखा कर रही है।