KDMC returned 51% of the amount collected from the corona patients

    Loading

    कल्याण : कल्याण ग्रामीण (Kalyan Rural) के 18 गांवों (18 Villages) को कल्याण डोबीबली महानगरपालिका (Kalyan Dobibli Municipal Corporation) से बाहर कर दिया गया था।  मुख्यमंत्री (Chief Minister) और अभिभावक मंत्री (Guardian Minister) ने आश्वासन दिया था कि इन 18 गांवों के लिए अलग से नगर परिषद का गठन किया जाएगा। लेकिन अब बिना 18 गांवों पर विचार किए यहां प्रभाग बना दिया गया है। जिसको लेकर  27 ग्राम संघर्ष समिति की ओर से गजानन मांगरुलकर, दत्ता वाजे, बलराम ठाकुर, लालचंद्र भोईर, रमेश पाटिल, सुनील भोईर और भालचंद्र भोईर ने चेतावनी दी है कि प्रशासन 18 गांवों पर विचार करे अन्यथा उन्हें चुनाव का बहिष्कार करने पर विचार करना होगा।

    कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के ड्राफ्ट प्रभाग ढांचे की आपत्ति पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।  27 ग्राम संघर्ष समिति ने केडीएमसी के प्रारूप ढांचे पर आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री और अभिभावक मंत्री ने संघर्ष समिति के साथ 27 गांवों को लेकर मंत्रालय के हॉल में बैठक की। केडीएमसी के 18 गांवों को छोड़कर अलग नगर परिषद बनाने का वादा किया गया था। संघर्ष समिति ने सवाल उठाया है कि प्रभाग कैसे बने जबकि 18 गांवों का फैसला अभी अदालत में लंबित है।  आप कोर्ट की अवमानना करें और गांवों का गला घोंट दें, आज ऐसी स्थिति में आपको 18 गांवों के साथ प्रभाग बनाने का कोई अधिकार नहीं है।

    मॉडल को कल्याण डोंबिवली नगर निगम के क्षेत्र में डिजाइन किया गया था जो जनसंख्या और क्षेत्र के मामले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच के अंतर को दर्शाता है। संघर्ष समिति ने मांग की है कि चुनाव नियमों के अनुसार वार्डों का गठन किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान मॉडल वार्ड संरचना में यदि जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए वार्ड बनाए जाएं तो 21 वार्ड बनाए जा सकते हैं। चुनाव पर भी विचार लंबित हैं।  संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर हमने इस बारे में नहीं सोचा तो हम बहिष्कार करेंगे।