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    ठाणे: महाराष्ट्र (Maharashtra) की एक अदालत (Court) ने 2017 में 17 वर्षीय एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के मामले में एक ऑटो-रिक्शा चालक को सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी. वी. वीरकर (पॉक्सो मामलों के विशेष न्यायाधीश) ने सोमवार को सुनाए फैसले में लक्ष्मीकांत बसंत दुबे (33) पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। 

    विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता और आरोपी ठाणे शहर के एक ही इलाके में रहते थे। पीड़िता के पिता भी एक ऑटो-रिक्शा चालक हैं। उन्होंने बताया कि 28 दिसंबर, 2017 को पीड़िता उस समय लापता हो गई थी, जब उसके माता-पिता काम के लिए बाहर गए थे। उसका पता नहीं चल पाने पर माता-पिता ने नौपाडा थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। 

    अभियोजन पक्ष के अनुसार, लक्ष्मीकांत बसंत दुबे, पीड़िता को उत्तर प्रदेश के भदोही ले गया और दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच उसने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। बाद में, दुबे को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के संबंधित प्रावधानों और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

    अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने के लिए मामले में पीड़िता समेत नौ गवाहों के बयान दर्ज कराए। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने दुबे के खिलाफ सभी आरोप साबित कर दिए हैं। (एजेंसी)