उल्हासनगर की धोखादायक बिल्डिंगों के पुनर्निर्माण का मामला बन रहा चर्चा का विषय

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    उल्हासनगर : जिस तरह उल्हासनगर की पहचान लघु उधोग नगरी (Small Industries City) के रूप में की जाती है उसी तरह पिछले कुछ सालों से इस शहर की पहचान अवैध (Illegal), धोखादायक (Fraudulent), कमजोर और जर्जर इमारतों (Weak and Dilapidated Buildings) वाले शहर के तौर पर होने लगी है। महानगरपालिका क्षेत्र (Municipal Area) में बिल्डिंगों के स्लैब गिरने (Slabs Falling), पिल्लर चटकने (Pillar Cracking), प्लास्टर गिरने (Plaster Falling) के हादसों (Accidents) के कारण अब तक 38 बिल्डिंग हादसे के शिकार हो चुकी है और तकरीबन 40 से भी अधिक लोगों की मौत और सैकड़ों बेरोजगार (Hundreds of Unemployed) और हजारों बेघर (Thousands Homeless) हो चुके है। राज्य सरकार से समय पर मांग की गई कि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया कुछ आसान बनाई जाए जिससे पुरानी बिल्डिंगों के पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो। मंत्रालय के आदेश पर सर्वे हुआ, बैठके हुई लेकिन पुख्ता और ठोस फैसला न लिए जाने से समस्या जस की तस बनी हुई है। मानसून भी आने वाला है लोगों में घबराहट के माहौल है। 

    विधायक आयलानी भी दिन भर बैठे धरने पर

    उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में अभी भी लगभग 140 बिल्डिंगे धोखादायक की सूची में है। विगत साल जिन 3 बिल्डिंगों के स्लैब गिरे और जनहानि हुई वह धोखादायक की सूची में नहीं थी वाबजूद इसके हादसा होने से लोगों में डर का माहौल है। सरकार द्वारा 4 एफएसआई की मंजूरी देकर पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो ऐसी मांग शहर के सभी नागरिकों और इनके बीच काम करने वाले एनजीओ और विविध राजनीतिक दल कर रहे है। शहर के सबसे अहम और  महत्त्वपूर्व मुद्दे को लेकर शुक्रवार को बीजेपी के मचंदानी, प्रकाश माखीजा, लाल पंजाबी, मनोहर खेमचंदानी, राजेश वधारिया, अमित वाधवा जैसे वरिष्ठ स्थानीय नेताओं ने महानगरपालिका मुख्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया। 

    स्व. ज्योति कालानी और डावखरे भी कर चुके है प्रयत्न

    जब ज्योति पप्पू कालानी उल्हासनगर की विधायक थी तब उन्होंने भी इस मुद्दे को विधानसभा में कई बार प्रमुखता से उपस्थित किया था, राज्य के तत्कालीन विधान परिषद के उप सभापति स्व. वसंत डावखरे ने भी नियमों की अनदेखी कर शहर में बनी सेंकडों बिल्डिंगों को कुछ शर्तों के आधार पर वैध कराने का बिल पास कराया था। इसके पीछे उनकी सोच थी इससे शहर के कई हजार लोग बेघर होने से बच जाएंगे, इसमें पूरी तरह वह भी कामयाब नहीं हो सके। कयोंकि अवैध बिल्डिंगों को रेगुलाइज करने के लिए जिन शर्तो को पूरा करना था वह काफी जटिल थी इसलिए ऊक्त स्कीम का लाभ अपेक्षा के अनुसार शहरवासी नहीं ले सके। 

     … अब नगरविकास मंत्री शिंदे कर रहे है कोशिश 

    पालकमंत्री एकनाथ शिंदे भी धोखादायक बिल्डिंगों के पुनर्निर्माण को लेकर पिछले लंबे अर्से से गंभीर है। पिछले साल मानसून में शहर में 3 बिल्डिंगों के स्लैब गिरने की घटना में 12 बेकसूर लोंगो की जान चली गयी थी। इन हादसों के बाद नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में बैठके बुलाई और कई फास्ट निर्णय लेने संबंधी जानकारी दी लेकिन एफएसआई में बढ़ोतरी पुनर्निर्माण का काम प्रत्यक्ष रूप से शुरू नहीं हो सका है। फाइल पर अंतिम हस्ताक्षर नहीं हुए है। लोग अब मानसून के करीब आने से घबराहट भरे माहौल में रहने विवश है। 

    धरना प्रदर्शन स्थल पप्पू कालानी के पहुंचने से चर्चाओं का दौर शुरू 

    ऊक्त मुद्दे को लेकर बीजेपी के विधायक कुमार आयलानी और बीजेपी के जिला अध्यक्ष जमनु पुरसवानी ने शुक्रवार को महानगरपालिका मुख्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया था। जिससे सरकार अपनी अंतिम मान्यता दे। धरने पर बैठे नेताओं की हौसला अफजाई करने के लिए बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया भी सुबह उल्हासनगर आए और अपने लोगों से भेंट की। वही दोपहर बाद पूर्व विधायक पप्पू कालानी भी समाजसेविका काजल मूलचंदानी के साथ बीजेपी के पंडाल पहुंचे। पप्पू कालानी के धरना स्थल पर पहुंचने और बीजेपी के कार्यकर्ता द्वारा उनके गले में बीजेपी पार्टी का मफलर पहनाए जाने से कालानी द्वारा उसे सहजता से पहन लिए जाने से विभिन्न प्रकार की चर्चाओं का दौर शहर में शुरू हो गया है। पूर्व विधायक पप्पू कालानी की पुत्र वधु पंचम कालानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की जिला अध्यक्ष के पद पर है। पप्पू कालानी के बीजेपी के पंडाल पहुंचने के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता कमलेश निकम ने स्थानीय पत्रकारों से मोबाइल पर बातचीत करते हुए कहा कि शहर के लाखों नागरिकों की जिंदगी का यह सवाल है। इसलिए कालानी नागरिकों की मांग पूरी हो इसलिए वहां पहुंचे। निकम ने आगे कहा कि महानगरपालिका चुनाव में हमारा उल्हासनगर बीजेपी  मुक्त का नारा उस पर हम आज भी कायम है हम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जिला अध्यक्ष पंचम कालानी के पूर्व विधायक पप्पू कालानी और ओमी कालानी के नेतृत्व में। चुनावी मैदान में उतरने जा रहे है।