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    ठाणे : उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र (Ulhasnagar Municipal Corporation Area) में जर्जर और धोखादायक बिल्डिंगों (Dilapidated and Fraudulent Buildings) का मुद्दा काफी गंभीर है। मानसून के आते ही पुरानी बिल्डिंगों में रहने वाले हजारों लोगों में घबराहट फैल जाती है। पिछले वर्ष बिल्डिंग का स्लैब गिरने की विविध 4 घटनाओं में लगभग एक दर्जन लोगों (Dozen People) की दर्दनाक मौत हुई थी। बरसात शुरू होने से पूर्व महानगरपालिका प्रशासन ने शहर की धोखादायक बिल्डिंगों की सूची जारी की है। शहर में 147 बिल्डिंगों को धोखादायक घोषित किया है,  अर्थात रहने बिल्डिंगें रहने योग्य नहीं है। इनमें 23 अति धोखादायक चिन्हित की गई है। 

    बिल्डिंगों के स्लैब गिरने की घटनाओं के मद्देनजर 

    उल्हासनगर महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. राजा दयानिधि (Commissioner Dr. Raja Dayanidhi) ने अब मात्र 10 साल पुरानी बिल्डिंगों का भी स्ट्रक्चरल ऑडिट ( Structural Audit) कराने संबंधी निर्णय लिया है और  ऐसा आदेश जारी कर प्रशासन के माध्यम से नोटिस देने का भी काम शुरू करवा दिया है। नोटिस मिलने वालों को महानगरपालिका के पैनल में शामिल मान्यता प्राप्त आर्किटेक्ट (वास्तुकार) के माध्यम से बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल ऑडिट प्रमाण पत्र जमा करना है। जानकारी के मुताबिक प्रभाग समिति 1 में 22, प्रभाग समिति 2 में 63, प्रभाग समिति 3 में 34 एवं प्रभाग समिति नंबर 4 में 28 भवन धोखादायक हैं। 

    शहर में शीशमहल अपार्टमेंट, मां भगवती, नीलकंठ, शिवसागर, रानी मां, महालक्ष्मी, शांति पैलेस, सनमुख सदन, स्वामी शांति प्रकाश अपार्टमेंट, सोना मार्केट, गुडमैन कॉटेज, नेहरू पार्क, हमलोग अपार्टमेंट, पारसमणी, सिंधरी सागर, लक्ष्मीनारायण, आशीर्वाद मार्केट, माधुरी कॉम्प्लेक्स, मलिका महल, मुरलीवाला, सत्यम कॉम्प्लेक्स, साई आशाराम अपार्टमेंट, मेमसाब, मंदार अपार्टमेंट, साई एम्पायर, शिवलीला, नवचंद्रिका, अम्बिकसागर अपार्टमेंट, महक अपार्टमेंट, ओम शिवगंगा सोसायटी, मोहिनी पैलेस साईशक्ती अपार्टमेंट, देवऋषि, स्वामी नारायण पैलेस आदि बिल्डिंग हादसे का शिकार हो चुकी हैं। इनमें अधिकतर बिल्डिंगे साल 1993 – 1995 के दौरान बनाई गई है।