ठाणे : ठाणे जिला प्रशासन (District Administration) जिले के भविष्य को लेकर हमेशा प्रयत्नशील (Striving) रहता है। ठाणे जिले के छात्र वर्ग (Student Class) को व्यसन मुक्त (Addiction Free) रखने के लिए जिला प्रशासन विभिन्न अभियान चला रहा हैं। तीन वर्ष पहले भी जिला प्रशासन ने विद्यालयों (Schools) को तंबाकू मुक्त (Tobacco Free) बनाने के लिए अभियान चलाया था। अब उसका असर देखने को मिला है। तंबाकू मुक्त अभियान के तहत ठाणे जिले के 819 विद्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि आज कल के युवा नशे का शिकार न हो और युवाओं का स्वास्थ और शिक्षा बेहतर तरीके से हो इसलिए ठाणे जिला प्रशासन विभिन्न उपक्रम चलाता है। छात्र वर्ग को व्यसन मुक्त रखने के लिए विद्यालयों के इर्द गिर्द तंबाकू उत्पादों को बेचने से रोकना बेहद जरूरी होता है। जिला प्रशासन पुलिस के माध्यम से विद्यालयों के इर्द गिर्द मौजूद तंबाकू उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई करता है। तीन वर्ष ठाणे जिला प्रशासन ने ठाणे जिले के विद्यालयों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए एक अभियान चलाया था। तीन वर्षों के दौरान ठाणे जिले में कुल 819 विद्यालयों में जिला प्रशासन द्वारा छात्रों में तंबाकू के दुष्परिणाम को लेकर बच्चों की जनजागृती की और विद्यालयों को व्यसन मुक्त और तंबाकू मुक्त बना दिया गया है। ठाणे जिला कलेक्टर डॉ.राजेश नार्वेकर ने बताया कि छात्रों को व्यसन मुक्त रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि यही छात्र कल देश का भविष्य बनेंगे और नाम रौशन करेंगे। इन छात्रों को व्यसन मुक्त रखना बेहद जरूरी है। इसलिए हम इस अभियान को तेज गति चलाने जा रहे है। आगे भी उक्त अभियान जारी रहेगा।
इस प्रकार हुए 819 विद्यालय तंबाकू मुक्त
जिला प्रशासन और सलाम मुंबई एनजीओ के सहयोग से पिछले तीन साल से जिले में तंबाकू मुक्त स्कूल चलाए जा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों और छात्रों की एक समिति गठित की गई है। समिति को स्कूल के 100 गज के भीतर तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के बारे में पुलिस को रिपोर्ट करने और यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है, कि कोई भी छात्र, शिक्षक, सुरक्षा गार्ड या सैनिक तंबाकू उत्पादों का सेवन तो नहीं कर रहा हैं।
व्यसन मुक्ति के लिए काउंसलिंग
ठाणे जिला दंत शल्य चिकित्सक डॉ. अर्चना पवार का कहना है, कि यदि स्कूल में तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन करते कोई भी स्कूली सदस्य पाया जाता है। तो जिला प्रशासन द्वारा उनकी काउंसलिंग की जाती है और उन्हें तंबाकू मुक्त करने का प्रयास किया जाता है।