मुंबई कोर्ट में उद्धव ठाकरे की जीत, शिवाजी पार्क में शिवसेना को मिली दशहरा रैली की अनुमति, शिवसैनिकों में दिखा उत्साह

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    ठाणे : मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) द्वारा शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव गुट को शिवाजी पार्क (Shivaji Park) में दशहरा रैली (Dussehra Rally) करने की इजाजत मिलने के बाद ठाकरे गुट के शिवसैनिकों में भारी उत्साह देखा गया। जिले के शिवसैनिकों में एक दूसरे को मिठाई बांटकर और फटाखें फोड़कर अपनी खुशी का इजहार करते दिखाई दिए। वहीं ठाणे मुख्यमंत्री का होम पिच है। ऐसे में महाराष्ट्र की सत्ता में होने के बावजूद रैली के लिए गुट को अनुमति नहीं मिलना सीएम शिंदे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 

    पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच मुंबई के शिवाजी पार्क को पाने को लेकर शह-मात का खेल चल रहा था लेकिन, मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद दशहरा रैली को लेकर चल रही तनातनी का अंत हो गया है। क्योंकि न्यायालय ने उद्धव गुट को शिवाजी पार्क में 2 अक्टूबर से 6 अक्टूबर के बीच दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी है। 

    पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर शिवसैनिकों ने जश्न मनाया

    इस फैसले को लेकर जहां ठाकरे गुट में खुशी की लहर है और उसके नेता इसे अपनी बड़ी जीत करार दे रहे हैं। ठाणे में टेंभी नाका में आनंद आश्रम के बाहर ठाकरे गुट के शिवसैनिकों ने सांसद राजन विचारे के मार्गदर्शन में फटाखे फोड़कर खुशियां मनाई। इस दौरान जिला संपर्क प्रमुख मधुकर देशमुख, जिला प्रमुख केदार दिघे, शहर प्रमुख प्रदीप शिंदे, प्रवक्ता चिंतामणी कारखानीस, उपजिला प्रमुख सुनील पाटील, कृष्ण कांत कोली, महिला आघाडी प्रमुख समिधा मोहिते, युवा सेना के किरण जाधव, युवती सेना धनश्री विचारे सहित शिवसेना के अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे। वहीं नवी मुंबई में भी शिवसैनिकों की खुशी जताई। इस दौरान ऐरोली विधानसभा शिवसेना जिला प्रमुख द्वारकानाथ भोईर, बेलापुर विधानसभा शिवसेना जिला प्रमुख विठ्ठल मोरे, पनवेल शिवसेना जिला प्रमुख शिरीष घरत के नेतृत्व में शिवसैनिकों ने फटाखे फोड़ मिठाई बांटकर उत्साह मनाते दिखे। 

    मुंबई हाई कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है

    उल्हासनगर में शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी के नेतृत्व में खुशियां मनाई गई। चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि सच परेशान हो सकता है पर वह कभी पराजित नहीं हो सकता है और शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को दशहरा रैली की अनुमति मिलना इसका ज्वलंत उदाहरण है। मुंबई हाई कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है।