Vanshakti officials visit for Waldhuni river promotion, illegal construction on the banks of the river

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    अंबरनाथ : अंबरनाथ, उल्हासनगर (Ambernath, Ulhasnagar) और कल्याण (Kalyan) से बहने वाली एक समय की पावन पवित्र और वर्तमान समय की प्रदूषित वालधुनी नदी (Polluted Waldhuni River) संवर्धन के लिए वनशक्ति नामक एनजीओ (NGO) पिछले 8 सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रही है और नदी के प्रदूषण जैसे गंभीर विषय को लेकर यह एनजीओ शासन –  प्रशासन से लेकर एनजीटी, उच्च न्यायालय (High Court) और सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) तक पहुंची और अदालत के संज्ञान में लाकर संबंधित नगर पालिका, महानगरपालिका और एमआईडीसी (MIDC) को  वनशक्ति ने दंडित तक करवाया है।

    वालधुनी नदी में अंबरनाथ नगर पालिका, उल्हासनगर और केडीएमसी महानगरपालिका के कुछ इलाकों का बिना ट्रीटमेंट किए सिवेज वाला पानी छोड़ा जाता है वहीं एमआईडीसी द्वारा छोड़ा जा रहा केमिकल युक्त पानी भी नदी को प्रदूषित करने  का सबब बना है और नदी के पात्र में बड़े पैमाने पर हो रहे अनधिकृत निर्माण और उन निर्माणो की वजह से मानसून में बाढ़ का खतरा भी स्थानिकों के लिए बना रहता है। उन्ही कारणों को जानने के लिए और शासन और न्यायालय के समक्ष तथ्य रखने के लिए मंगलवार को अंबरनाथ, उल्हासनगर और कल्याण का वालधुनी नदी दौरा किया गया।

    उल्हासनगर 3 के 20 सेक्शन में नदी पात्र में बांधी जा रही है दीवार, उल्हासनगर 3 में ही रिजेंसी प्लाजा द्वारा नदी पात्र में दिवार, फॉरेस्ट नाका अंबरनाथ से कल्याण में उल्हास नदी तक डाली जा रही 17.5 किलोमीटर की पाइपलाइन से नदी में हो रहा उत्खनन, अंबरनाथ शिवमंदिर के पीछे परांजपे चाल में एक बिल्डर द्वारा नदी पात्र में दीवार और नदी के ऊपर स्लैब, कल्याण योगीधाम घोलपनगर अनुपम नगर के रहिवासियों स्थानीय बिल्डरों और केडीएमसी प्रशासन द्वारा नदी को नाला लिखकर की गई धोखाधड़ी, सिटीपार्क जैसी 135 करोड़ की परियोजना के कारण स्थानिकों को हो रही बाढ़ की समस्याओं पर वनशक्ति एनजीओ और वालधुनी नदी मित्रों द्वारा चर्चा की गयी और उनकी समस्याओं को सुनकर न्यायालय के संज्ञान में देने का प्रस्ताव बनाया गया। अंबरनाथ नगर पालिका के मुख्याधिकारी डॉ. प्रशांत रसाल से भी नगर पालिका अधिकारीयों की उपस्थिति में वालधुनी नदी के  संवर्धन पर होने वाले कई आगामी उपक्रमों पर चर्चा हुई।