Plastic Drum

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नवी मुंबई: पानी का नियोजन करने के नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) द्वारा विभाग वार सप्ताह में एक दिन शाम को जलापूर्ति बंद (No Water Supply) रखी जा रही है। महानगरपालिका द्वारा शुरू की गई पानी की इस कटौती की वजह से महानगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले नागरिक पानी का भंडारण करने के लिए भारी संख्या में प्लास्टिक का ड्रम (Plastic Drum)  खरीद रहे हैं, जिसकी वजह से ड्रम की कीमत अब दोगुना से ज्यादा हो गई है, फिर भी लोग उंचे दाम में ड्रम खरीदने के लिए मजबूर हो गए हैं।

 गौरतलब है कि मौसम विभाग द्वारा इस साल मानसून का आगमन विलंब से होने और कम बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। इस अनुमान को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने नवी मुंबई महानगरपालिका के कमिश्नर राजेश नार्वेकर को पानी का ठोस नियोजन करने का निर्देश दिया था, जिस पर अमल करते हुए महानगरपालिका कमिश्नर ने महानगरपालिका के जलापूर्ति विभाग को ठोस नियोजन करने का आदेश दिया था। कमिश्नर के इस आदेश का पालन करते हुए महानगरपालिका के जलापूर्ति विभाग ने 28 अप्रैल 2023 से विभाग वार सप्ताह में एक दिन शाम को जलापूर्ति बंद रखने का सिलसिला शुरू किया है। जिसकी वजह से नवी मुंबई महानगरपालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी जरूरत के अनुसार पानी का भंडारण करने के लिए प्लास्टिक के ड्रम खरीदने में जुट गए है। जिसके चलते पहल 500 रुपए में मिलने वाला ड्रम अब 1,000 से 1200 रुपए में मिल रहा हैं।

मोरबे जलाशय से हो रही जलापूर्ति

कर्जत के पास नवी मुंबई महानगरपालिका का खुद का मोरबे जलाशय है, जिसकी जल भंडारण की क्षमता 88 मीटर है। इस जलाशय से महानगरपालिका अपने 8 विभागों में हर दिन 450 एमएलडी पानी की आपूर्ति करती है। इसके अलावा महानगरपालिका के दिघा विभाग में एमआईडीसी द्वारा जलापूर्ति की जा रही है। जहां पर पानी की सबसे ज्यादा किल्लत रहती है। मौजूदा समय में नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा बेलापुर विभाग में सोमवार की शाम को जलापूर्ति नहीं की जाती है। वहीं कोपरखैरने में मंगलवार, घनसोली में बुधवार,वाशी में गुरुवार, ऐरोली में शुक्रवार, नेरुल में शनिवार और तुर्भे विभाग में रविवार की शाम को जलापूर्ति बंद रहती है, जबकि दिघा विभाग में जलापूर्ति में कटौती का निर्णय एमआईडीसी द्वारा लिया जाता है।

गांवों, बैठी चालियों और झोपड़पट्टियों में रहने वाले परेशान

नवी मुंबई महानगरपालिका के क्षेत्र में जहां शहर के बीच गांव हैं, वहीं सिडको द्वारा बनाई गई बैठी चालियां भी हैं। इसके अलावा एमआईडीसी है, जहां पर सबसे ज्यादा झोपड़पट्टियां है। महानगरपालिका क्षेत्र की कॉलोनियों की इमारतों में ओवरहेड और अंडरग्राउंड पानी की टंकियां है, जिसमें पानी का भंडारण करने के बाद इमारत के घरों में जलापूर्ति की जाती है, जिसकी वजह से कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को पानी की दिक्कत कम होती है। वहीं महानगरपालिका क्षेत्र के गांवों के पुराने घरों, बैठी चालियों और झोपड़पट्टियों में उक्त सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से यहां के लोगों को पानी का भंडार ड्रम में करना पड़ता है।

नवी मुंबई पहले एमआईडीसी जलापूर्ति करती थी, तब लोगों को पानी के लिए इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ रही थी।मोरबे जलाशय खरीदने के बाद नवी मुंबई महानगरपालिका ने जलापूर्ति करने का काम शुरू किया, लेकिन खुद का जलाशय होने के बावजूद महानगरपालिका ने इस शहर की झोपड़पट्टियों में जलापूर्ति करने की ठोस योजना नहीं बनाई, जिसकी वजह से यहां की झोपड़ियों में रहने वाले नागरिकों को बोतल का पानी खरीदना पड़ रहा है।

-खाजा मिया पटेल, अध्यक्ष रिपब्लिकन सेना, नवी मुंबई