
वर्धा. विविध मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कर्मियों ने सोमवार को जिला परिषद के सामने धरना आंदोलन किया़ जिप के मुकाअ के जरिए संभागीय आयुक्त व सरकार को मांगों का ज्ञापन भेजा गया़ पिछले पांच वर्षों से केंद्र सरकार ने आंगनवाड़ी कर्मियों के मानधन में वृध्दि नहीं की़ आहार व पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढ़ गए है़ं डिजिटल कामकाज के नाम पर पोषन ट्रैकर के तौर पर घटिया एप सेविकाओं को दिया गया है, जिससे काम प्रभावित हो रहे है़.
घटिया दर्जे के मोबाइल प्रदान किये गए़ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. आंगनवाड़ी कर्मियों को चिल्लर खर्च उठाना पड़ रहा है़ इसके लिए फंड नियमित प्रदान करे़ पैकेटबंद टीएचआर बंद करे़ सभी लाभार्थियों को ताजा आहार दिया जाए़ मिनी आंगनवाड़ियों का रुपांतरण पूर्ण आंगनवाड़ी में करे़ मिनी आंगनवाड़ी कर्मियों को सेविका पद पर सीधे नियुक्ति दे़ं शहर से सटे गांवों में जनसंख्या काफी बढ़ रही है़ इन सभी गांवों में एक हजार जनसंख्या के पिछे एक आंगनवाड़ी केंद्र मंजूर किया जाए.
जिप के सामने कर्मियों ने दिया धरना
राज्य सरकार से कर्मियों का मानधन मार्च 2023 से बकाया तुरंत प्रदान किया जाए़ प्रतिमाह 10 तारीख तक नियमित मानधन दिया जाए़ कर्मियों को एकसाथ सेवासमाप्ति का लाभ दिए जाने सहित विविध मांगों को लेकर सीटू की अगुवाई में जिप के समक्ष धरना आंदोलन किया गया़ आंदोलन में सीटू के जिला सचिव भैया देशकर, जिला अध्यक्ष अर्चना मोकाशी, जिला सचिव गुंफा कटारे, उपाध्यक्ष रंजना सावरकर, सहसचिव संगीता कोहले, सविता जगताप, रंजिता मून, कांता भोंडे, निता भोकरे, मंदा राऊत, उषा रामटेके, प्रभा भांडेकर, संजय भगत सहित बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.