Water in farm
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  • नहर के निर्माण कार्य से किसान परेशान

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सेलू. सिंचाई विभाग की ओर से मदन बांध का निर्माण कार्य किया गया. इस बांध का पानी खेती फसलों की सिंचाई के लिए उपयोग में लाने के साथ ही जमीन सिंचित होने की आस बंधी. परंतु नहर व बांध के काम में बड़े पैमाने में अनियमितता सामने आने से उसका खामियाजा किसान भुगत रहा है. परिणाम स्वरुप नहर के पानी से खेती की फसलों का नुकसान होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.

सिंचाई विभाग की ओर से बनाए गए मदन बांध के पानी से आकुर्ली, जामनी, गिरोली ढगे, क्षीरसमुद्र, हिवरा, अंतरगांव, बाभुलगांव के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने की उम्मीद थी. इस उम्मीद के तहत इन गांवों की खेती सिंचाई के अंतर्गत आयी. परंतु बांध व नहर का काम में गड़बड़ी किए जाने से कैनल के समीप की खेत जमीन जलमग्न हो रही है. परिणाम स्वरुप खेती फसलों का भारी नुकसान हुआ है.

बांध के काम में गड़बड़ी का असर

नहर में पानी छोड़ने वाले निर्धारित कोटो से अधिक पानी छोड़ते है. पानी छोडने के लिए कोई समय व अवधि निर्धारित नहीं की गई है. परिणाम स्वरुप खेतों में पानी घुसने से फसलों का भारी नुकसान हो रहा है. इस संबंध में परिसर के किसानों ने कई बार संबंधित विभाग के पास शिकायत दर्ज की. परंतु सिंचाई विभाग इस ओर ध्यान देने के लिए तैयार ही नहीं है. यह बांध किसानों को पानी देने के लिए बनाए गए है या उनकी खेती को डूबोने के लिए यह सवाल किसान उपस्थित कर रहे हैं. 

विभाग से उपाय करने लगाई गुहार

फिलहाल खेतों में तुअर, चना व गेहूं की फसल खड़ी है, जिनकी सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता है. पहले ही किसान विविध प्राकृतिक आपदाताओं का सामना कर रहे हैं. इस स्थिति में नहर का पानी फसलों को संजीवनी देने के बदले उनके लिए नुकसानदायक साबित होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. इस स्थिति की ओर गंभीरता से ध्यान देकर आवश्यक उपाय योजना करने की मांग किसानों ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की है.