File PHoto
File PHoto

    Loading

    वर्धा. खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग के कर्मियों ने शुक्रवार को नागपुर से देवली तक का सफर तय करके बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया़  इसमें वाहन सहित करीब 17.48 लाख माल भी जब्त किया गया. परंतु उक्त संपूर्ण कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है़  देवली से वाहन को फिर वर्धा में लाने,  हिरासत में लिये गए चालक को समंसपत्र पर छोड़ने, जब्त माल पुलिस के हवाले नहीं करने को लेकर जवाब अनुत्तरित है़  इस ओर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को गंभीरता से कार्यवाही करना जरूरी है.

    जानकारी के आधार पर वर्धा के खाद्य आपूर्ति निरीक्षक राजेश यादव तथा किरण गेडाम ने एक मालवाहक का पिछा किया़  देवली के करीब तक वाहन के पिछे एफडीए का वाहन था़  इस बीच मालवाहक को रोका गया.  

    मालवाहक के चालक को छोड़ने पर सवाल 

    परंतु संबंधित कर्मचारी उक्त वाहन को फिर वर्धा की दिशा में लेकर आए़  जहां थाना अधिकारियों से कर्मियों को प्रतिसाद न मिलने के कारण कार्रवाई को सेवाग्राम थाना क्षेत्र के तहत बताया गया़ वहीं एक आरोपी ने एफडीए के कर्मचारी का वाहन चलाए जाने की खबर है. आखिरकार नागपुर-देवली महामार्ग पर वर्धा फाटा स्थित दरगाह के समीप मालवाहक एमएच 40 बीजी 2999 को पकड़ने की कार्रवाई बताई गई़  पश्चात प्रतिबंधात्मक तंबाकू व वाहन लेकर एफडीए के कार्यालय में पहुंचे़  इसके बाद मालवाहक के चालक को समंसपत्र पर छोड़ दिया गया़  खाद्य निरीक्षक यादव ने सेवाग्राम थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई.  

    जब्त माल पुलिस के हवाले नहीं किया 

    वाहन में विविध कंपनी का सुगंधित तंबाकू तथा वाहन सहित कुल 17 लाख 47 हजार 840 रुपए का माल जब्त बताया गया़  परंतु अब तक जब्त किया गया माल पुलिस के हवाले नहीं किया गया़ न ही पुलिस के पूछे गए सवालों के जवाब संबंधित कर्मी दे पाए है़  प्रकरण में आगे की जांच पड़ताल नहीं हो पा रही है़ प्रकरण में शिकायत के आधार पर पुलिस ने नागपुर निवासी सुमित संजय निखारे, गौरव सुदाम खंडाईत सहित गोलू व दर्शन नामक आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है़ घटनास्थल पर पुलिस की मदद नहीं लेने, दो आरोपियों के नाम किस आधार लिये जाने सहित अन्य कुछ बातें स्पष्ट न होने के कारण संपूर्ण कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है. 

    हमें अरेस्ट करने के अधिकार नहीं

    इस प्रकार की कार्रवाई में मामला दर्ज होने पर आरोपियों को हिरासत में लेने के अधिकार पुलिस को है़  हमें अरेस्ट करने के अधिकार नहीं है. जब्त किया गया माल एफडीए के पास ही रहता है़  पुलिस की ओर से कार्रवाई करने पर संपूर्ण प्रक्रिया के बाद जब्त माल एफडीए के हवाले किया जाता है. 

    -जयंत वाणे, सहायक आयुक्त-एफडीए.