
आष्टी शहीद (सं). तहसील के बोरखेड़ी खेत परिसर स्थित कुएं में गिरकर नीलगाय की मौत हो गई. नीलगाय पानी की खोज में कुएं के पास आने की खबर मिली. घटना 27 जून को उजागर हुई. जानकारी के अनुसार बोरखेड़ी खेत परिसर में पानी की खोज में भटक रही नीलगाय कुएं में गिर गई. 27 जून को किसान जब कुएं के पास पानी लाने गया उस वक्त उसे नीलगाय मृतावस्था में दिखायी दी. नीलगाय की मौत की जानकारी संबंधित बीट गार्ड को दी गई.
बीट गार्ड ने दो मजदूरों की मदद से नीलगाय को कुएं से बाहर निकाला. वन्यप्राणी के शव की किसी को भी जानकारी न देने की बात वनरक्षक ने उपस्थितों से कही. साथ ही फोटो निकालने से भी प्रतिबंध किया. माहभर में नीलगाय के मौत की यह तीसरी घटना है. परंतु इसके बावजूद भी वन विभाग की लापरवाही व कार्य से संदेह व्यक्त हो रहा है. जंगल से नीलगाय सीधे गांव या खेत में आती है, जहां किसी कारणवश मौत होने पर उनकी उत्तरीय जांच न करते हुए शव को दफन किया जा रहा है. जिम्मेदार वन अधिकारी इन घटनाओं से दूरी बनाए रखने से अनेक सवाल उपस्थित हो रहे है.
नहीं किया जा रहा शवविच्छेदन
वन्यजीवों को जमीन में दफन करने के बाद उनके कुछ अंग लापता होने की चर्चा गांव में है. वन्यजीव मृत होने के बाद उनका शवविच्छेदन डाक्टरों से क्यों नहीं किया जाता. इसकी जांच जरूरी है. प्रकरण की गहरी जांच करने की मांग नागरिकों ने की है.
एक माह में तीसरी घटना हुई उजागर
नीलगाय की मौत का सिलसिला क्षेत्र में जारी है. एक माह के भीतर यह तीसरी घटना है. परंतु वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस ओर ध्यान देने के लिए तैयार ही नहीं है. यहां तक कि वनकर्मी आते है व मृत जानवरों को बगैर शवविच्छेदन कर दफनाकर चले जाते है, जिस पर आश्चर्य जताया जा रहा है.