- संक्रमण बढ़ने का खतरा
वर्धा. मार्ग से सटे पीपीई किट, मास्क व अन्य वस्तुएं अस्त-व्यस्त फेंकने की घटना को लेकर जिला प्रशासन से संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग नागरिकों ने की है. विश्राम भवन से गोपुरी चौराहे की ओर जानेवाले मार्ग पर गोपुरी संस्थान कर्मियों के निवास के समीप नीले रंग की थैली में पीपीई किट व अन्य वस्तुएं पड़ी दिखाई दी, जिससे संक्रमण के फैलाव का खतरा उत्पन्न हो गया है़
जिले में अब तक 27 कोरोना बाधितों में से 4 की मृत्यु हुई है. अन्य मरीज कोरोनामुक्त होकर घर लौट गए़ वर्तमान में बाहरी क्षेत्र से जिले में पहुंचे दो लोगों का उपचार जारी है़ सेवाग्राम, सावंगी, जिला अस्पताल, उपजिला अस्पताल सहित अनेक निजी अस्पतालों में पीपीई सूट (वैयक्तिक संरक्षणात्मक उपकरण) सहित अन्य बचावात्मक वस्तुओं का उपयोग इलाज के दौरान किया जा रहा है़ पीपीई किट केवल तीन घंटे के पहनने के पश्चात नियमानुसार नष्ट किया जाता है़ प्रशासन ने मास्क सहित अन्य वस्तुएं सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने पर कार्रवाई के निर्देश दिए है़ शहर में पीपीई किट, मास्क, हैन्डग्लोव्ज सहित अन्य मेडीसीन सामग्री मार्ग से सटे फेंकने की बात उजागर हुई है़ पीपीई किट उपयोग के बाद बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेन्ट कानून के निर्देशानुसार नष्ट की जाती है़ इसके लिए नागपुर की सुपर हाईजेनिक कंपनी से सभी पंजीकृत अस्पतालों का एग्रीमेन्ट हुआ है़ प्रतिदिन कंपनी की बेस वैन सरकारी व निजी अस्पतालों से संपूर्ण सामग्री संकलित करती है़ पश्चात नियोजित तरीके से नष्ट करती है़
मामले की होगी जांच: सीएस
जिला शल्य चिकित्सक डा़ पुरुषोत्तम मडावी ने कहा कि यह गंभीर बात है़ पीपीई किट, मास्क इस प्रकार फेंकना गलत है़ इस संबंध में तहसील स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित कर सभी निजी अस्पतालों को निर्देशित किया जाएगा़ मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.
यह गंभीर मामला: डा़ मोगरे
आईएमए के अध्यक्ष डा़ संजय मोगरे ने कहा कि पीपीई किट का उपयोग डेडिकेटेड अस्पताल तथा निजी अस्पताल के ओटी सेंटर में ही होता है़ उपयोग के बाद यह सामग्री बेस वैन ले जाती है़ इस प्रकार पीपीई किट फेंकना उचित नहीं है.