ST Strike
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    वर्धा:  परिवहन निगम का राज्य सरकार में विलीनिकरण करें, इस मांग को लेकर शुरू एसटी कर्मचारियों का आंदोलन पिछले 148 वें दिनों से निरंतर चल रहा है़.  किंतु, मांगों पर अबतक किसी भी प्रकार की मध्यस्थता नहीं हुई़  आंदोलन दौरान साढे चार महिनों से वेतन बंद रहने के कारण अब कर्मचारियों की आर्थिक हालत कमजोर हो रही है़.  

    जिले में एसटी कर्मचारियों के साथ मध्यस्थता करने के लिए अबतक किसी भी प्रकार के कदम स्थानिय डिपो प्रशसन द्वारा नहीं किए गए है़.  वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त निर्देशानुसार अस्थायी चालक व वाहकों को नियुक्त कर जादा से जादा फेरीयां चलाने का प्रयास एसटी प्रशासन कर रहा है़.  किंतु, उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिल रही है़. एसटी का राज्य सरकार में विलीनीकरण होगा, इस आशा को निरंतर रखते हुए कर्मचारी आंदोलन पर डटे हुए है़. 

    बुधवार को 200 फेरीयां

    जिले में बुधवार को एसटी 93 बसों के माध्यम से 200 फेरीयां पूर्ण हुई़  जिसमें वर्धा-नागपुर, वर्धा –अमरावती, वर्धा –चंद्रपुर, वर्धा-यवतमाल के अलावा आर्वी, आष्टी, हिंगनघाट, पुलगांव आदि स्थानों का समावेश है़.  किंतु ग्रामीण विभाग में अभी भी परिचालन पूर्ण नहीं होने से नागरिकों को समस्या का सामना करना पड रहा है़.  

    जल्द निर्णय होना जरूरी

    हडताल के चलते एसटी कर्मचारियों की आर्थिक हालत अब कमजोर होते जा रही है़.  जिससे वे परिवार का पालन पोषण करने के लिए अब अस्थायी रूप से दुसरे व्यवसाय करते नजर आ रहे है़..  कर्मचारी अब काम पर लौटे इसके लिए सरकार ने जल्द निर्णय लेना चाहिए, इसके लिए प्रयास होना जरूरी है़..