नई पेंशन योजना केवल छलावा, समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष येंडे ने कहा

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    वर्धा. निवृत्त कर्मचारी 1995 समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश येंडे ने कहा कि कर्मचारी निवृत्त वेतन (पेंशन) 1995 योजना होते हुए नई पेंशन योजना लागू करने का प्रचार-प्रसार करना यह छलावा है़ इस योजना के नाम से मात्र गुमराह किया जा रहा है. इससे श्रमिक वर्ग में संभ्रम पैदा हुआ है.

    कर्मचारी निवृत्ति (पेंशन) योजना 1995 यह सन 1995 से देशभर के विभिन्न उद्योग व निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी वर्ग के लिए चलायी जा रही है़ आज की स्थिति इस योजना में 17 करोड़ कर्मचारी कार्यरत है. 67 लाख सेवानिवृत्त श्रमिक है़ कर्मियों को वेतन कितना भी हो वह पेंशन फंड को पैसा भेजने के लिए नियमबाह्य तरिके से मर्यादित किया गया है़ आज वेतन की मर्यादा 15 हजार है़ इस पर 8.33 प्रश के हिसाब से पेंशन फंड को 1250 रुपए जाते है़ यह अन्यायकारक मर्यादा ईपीएफओ ने स्वयं आगे आकर रद्द करनी चाहिए थी.

    जानबूझकर रचा जा रहा है षड्यंत्र  

    किन्तु ऐसा न करने से सर्वोच्च न्यायालय ने 4 अक्टूबर 2016 को उचित निर्णय देकर यह मर्यादा निकाल दी. पूर्ण वेतन पर कर्मियों को पेन्शन का लाभ दिए जाने के आदेश जारी किए़  उसी तरह ईपीएफओ ने श्रमिकों के हित के विरुध्द 2014 को जो अमेन्डमेन्ट किया. इस संबंध में केरल उच्च न्यायालय का निर्णय कायम रखकर सभी अमेन्डमेन्ट सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल 2019 को खारिज कर दिया. यह सभी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश होते हुए इस पर अमल न करते हुए नई पेंशन योजना का षड्यंत्र चलाए जाने का आरोप भी येंडे ने लगाया. 

    पुरानी योजना से दिया जा सकता है लाभ 

    पेंशन योजना में कम से कम 20 श्रमिकों की शर्त शिथिल करने पर किसी भी नई पेंशन योजना की जरूरत नहीं. इस संबंध में फैलायी जाने वाली बातों से सावधानी बरते़ं  न्यूनतम पेंशन में वृध्दि करने के संबंध में भगतसिंग कोशियारी रिपोर्ट पर अमल कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करे. उच्च वेतनधारी लोगों को इसी पेंशन योजना के जरिए लाभ दिया जाता सकता है. नई पेंशन योजना की कोई जरूरत नहीं है.  

    नई पेंशन योजना लागू करना समझ से परे

    कर्मचारी निवृत्ति वेतन (पेंशन) योजना 1995 होते हुए इसमें सेवानिवृत्त वेतनधारकों को न्यूनतम पेंशन में पिछले 20 वर्षों से एक रुपए की भी वृध्दि नहीं की गई़ ऐसी स्थिति में नई पेंशन योजना लागू करने का विचार प्रसारित करना यह बात समझ से परे है. 

    -प्रकाश येंडे, राष्ट्रीय अध्यक्ष-निवृत्त कर्मचारी 1995 समन्वय समिति