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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    वर्धा. जीवित व्यक्ति को मृत बताकर उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा जमाया़ इतना ही नहीं, फर्जी दस्तावेज पेश कर आवास योजना के नाम पर ढाई लाख रुपये अनुदान उठाते हुए प्रशासन की आंखों में धूल झोंकी़ प्रकरण में पति-पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई़  प्राप्त जानकारी के अनुसार मूलत: आर्वी के खड़कपुरा परिसर में निवासित गणेश आनंद सुरजुसे (60) सेवानिवृत्त मंडल अधिकारी है़.

    फिलहाल वे अमरावती के मंगलधाम कालोनी में निवासित है़ं सुरजुसे ने पुराना खड़कपुरा वार्ड में संपत्ति की 27 मई 2020 में जलगांव बेलोरा निवासी डोमा धनु सुरजुसे व ओंकार डोमा सुरजुसे से खरीदी की थी़ 29 दिसंबर 2020 में वें आर्वी नप में टैक्स अदा करने के लिए गए़ जहां उक्त प्रॉपर्टी उनके नाम पर न होने की बात कही गई.

    इस पर सभी दस्तावेज पेश कर तीन माह बाद 9 मार्च 2021 को उक्त संपत्ति सुरजुसे के नाम पर होने की बात सिध्द की़  इसकी टैक्स रसीद व असेसमेन्ट नकल प्रमाणपत्र चलान रसीद भी सुरजुसे ने हासिल कर लिए. दिनांक 2 मार्च 2022 को शुरू वर्ष का टैक्स अदा करने पहुंचे़ जहां टैक्स अदा कर बालाजी वार्ड में गए़ जहां उक्त प्रॉपर्टी पर शोभा मारोतराव सुरजुसे के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना का बोर्ड देखा़ इतना ही नहीं तो ढाई लाख रु़ अनुदान भी हासिल करने की बात सामने आयी.

    जोड़ा मृत होने का प्रमाणपत्र

    अधिक छानबीन करने पर चौंकानेवाली बात सामने आयी है. नप की ओर आरोपी मारोतराव परसराम सुरजुसे ने 15 अप्रैल 2009 को गणेश सुरजुसे मृत होने का प्रमाणपत्र 16 सितम्बर 2009 को तहसीलदार द्वारा प्राप्त करने की बात स्पष्ट हुई़  इतना ही नहीं, तत्कालीन पार्षद सुनील बाजपेयी से भी मृत्यु का प्रमाणपत्र हासिल किया गया था.

    इस प्रॉपर्टी के इकलौते वारिस मारोतराव सुरजुसे को बताया गया़ इस पर सरकारी अनुदान भी प्राप्त किया गया़  यह संपूर्ण वाकया प्रकाश में आने के बाद गणेश सुरजुसे की शिकायत पर आर्वी पुलिस ने मारोतराव सुरजुसे व शोभा सुरजुसे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.