- बच्चे, वृध्दो में भय की स्थिति, स्थायी हल आवश्यक
वाशिम. शहर के मुख्य चौराहों के साथ अनेक क्षेत्रों में इन दिनों आवारा पशुओं का आवागमन से सभी नागरिक त्रस्त हो गए है़ सड़कों के बीचो बीच इन मवेशियों का बैठना, गलियो में मुक्त संचार करके घुमना, एक दूसरे से लड़ते हुए यातायात में बाधा पहुंचना अब यहां पर आम बात हो गई़ अनेक बार ये जानवर आपस में भीड़कर वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे है़ तो महिला, बच्चों, वृध्दों को सड़कों पर अकेला चलना खतरे से कम नहीं हो रहा है़ इस कारण से महिला, बच्चे, वृध्दों में भय की स्थिति निर्माण होकर इन आवारा पशुओं के मुक्त संचार से सभी त्रस्त हो गए है़
विगत अनेक महीनों से यह स्थिति शहर में होकर इस ओर नगर परिषद प्रशासन की अनदेखी के कारण इन आवारा पशुओं का मुक्त संचार बढ़ता ही जा रहा है़ इस से अनेक बार लोगों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है़ लेकिन इन आवारा घुमनेवाले पशुओं का बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है़ शहर के मुख्य सड़क से गलियों तक का विचरण करते देखा जा रहा है़.
शहर के चौराहों व बाजार चौक मार्ग पर मवेशियों के झुंड देखे जा सकते है़ कुछ जानवर सड़क के बीच बैठे रहते है, कितना भी हटाने की प्रयास करो लेकिन हटते नहीं है़ इनकों हटाने के प्रयास करो तो ये जानवर आक्रमक हो जाते है़ जिससे घायल होने का डर लगा रहता है़ स्थानीय मुख्य मार्केट पाटणी चौक, डा़ बाबासाहब आम्बेडकर चौक, शिवाजी चौक से गोपाल टाकीज मार्ग, बस स्टैण्ड, तहसील कार्यालय शुक्रवार पेठ, पुरानी नप चौक, गुरुवार बाजार, लाखाला क्षेत्र में रोजाना नागरिकों की चहल पहल रहती है़.
वहां पर यह आवारा जानवर भी देखे जाते है़ शहर के कुछ मार्गों पर किनारों पर, ठेले पर सब्जियां बेचने वाले भी इन आवारा पशुओं से परेशान हो गए है़ इन का जरासा ध्यान हटा कि यह जानवर ठेले पर रखी सब्जियां पस्त कर जाते है. ग्राहकों के बीच घुसकर यह खाने के लिए तैयार रहते है़ लेकिन इस पर कोई उपाय नहीं हो रहा है.
नागरिकों में भय का माहौल
शहर के सड़कों के साथ गलियों में इन आवारा जानवरों का मुक्त संचार बढ़ गया है़ यातायात में बाधा तो निर्माण हो रही है़ तो इनकी आपसी भीड़त में स्कूटी, कार के साइड का नुकसान होने लगा है. स्थानीय राजनी चौक परिसर के एक गली में हाल ही में दो गाय की भीड़त कार का साइड ग्लास टूट गया तो खड़ी स्कूटी को गिरने से नुकसान हुआ है़ इन आवारा जानवरों का बंदोबस्त करने की मांग की जा रही है़
नप प्रशासन की लचर व्यवस्था
शहर में कांजीहाउस विगत कई वर्षो से बंद पड़ा है़ जिस से इन आवारा जानवरों का संचार शहर के विविध क्षेत्रों में बढ़ गया है़ कई बार आपसी टक्कर में दुर्घटना होती है़ तो किसी की जान को खतरा होने की संभावना बनी रहती है़ लोगों का मानना है कि नगर परिषद प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण इन पशुओं का मुक्त संचार के लिए बढ़ावा मिल रहा है.
डेंगू जैसी संक्रमक बीमारी फैलने की संभावना
ये आवारा पशु सड़कों पर, गलियों में गोबर डालते है़ वर्तमान में शहर के अधिक तर भागों में सीमेंट की सड़कें बनी हुई है. इन सड़कों पर गोबर डालने के बाद वाहनों के आवागमन से वह रास्ते पर फैल जाता है. ऐसे में बारिश हुई तो यह गंदगी अधिक फैल कर आजुबाजु के घरों में बदबू आकर इस से संक्रमक बीमारी फैलने की संभावना निर्माण हो रही है़ अभी कोरोना का संक्रमण कम हो गया है़ लेकिन इन फैलती गंदगी के कारण डेंगू जैसी संक्रमण बढ़ने की संभावना हो सकती है़ इसलिए नगर परिषद ने इन का बंदोबस्त के लिए कार्यवाई करके स्थायी हल निकालने की मांग नागरिकों व्दारा की जा रही है.