
वाशिम़. शासन की ओर से ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा,गळीत धान्य तेलताड’अभियान अंर्तगत किसानों का महाबीज के सोयाबीन बीजों का सवलियत के दरों पर वितरित किया जा रहा है़ इस अभियान में महाबीज ने
वाशिम़. शासन की ओर से ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा,गळीत धान्य तेलताड’अभियान अंर्तगत किसानों का महाबीज के सोयाबीन बीजों का सवलियत के दरों पर वितरित किया जा रहा है़ इस अभियान में महाबीज ने एमएयुएस -158 ,एमएयुएस -162 सोयाबीन की सुधारित वाण उपलब्ध किया है़ इस नए बीज को किसानों का प्रतिसाद मिला है़ जिले में अभी तक 1,500 क्विंटल बीजों की बिक्री हुई है़ ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा व गळीत धान्य तेलताड’ अभियान अंर्तगत किसानों को अनुदानों पर बीजों का वितरण किया जा रहा है़ इसमें महाबीज से उत्पादित किए गए बीजों का समावेश है़
30 किलो की बैग 1,350 रुपए में
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मात्र सातबारा व आधार कार्ड महाबीज के वितरक को देना आवश्यक है़ प्रत्येकी 30 किलो की बैग 1,350 रुपये दरों पर किसानों को दी जा रही है़ अधिकाधिक पांच बैग किसानों को इस योजना में मिलेगी. इसके लिए महाबीज ने एमएयुएस -158 ,एमएयुएस -162 यह सोयाबीन की नई सुधारित बीजों के वाण उपलब्ध कराए है़ इन बीजों की दर प्रतिकिलो 72 रुपये होते हुए भी सवलियत के दरों पर किसानों को केवल 45 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से उपलब्ध कराए जा रहे है़ जिससे किसानों व्दारा इन बीजों की खरीदी पर जोर दिया जा रहा है़ दरम्यान अनुदानों पर वितरण के लिए महाबीज ने जिले के लिए सोयाबीन के तीन हजार क्विंटल बीज उपलब्ध कराए है़ं
कीटकों पर नियंत्रण रखने के लिए योग्य
सामान्यत: सोयाबीन की फसलों पर खोडमख्की, उंट इल्लियां, चक्रीभूंगा के साथ अन्य कीटकों का वातावरण बदल के अनुसार प्रादुर्भाव होता है़ जिससे उत्पादनों में कमी आती है व किसानों को भारी नुकसान भी होता है़ लेकिन पंजाबराव कृषि विद्यापीठ ने संशोधित किए एमएयुएस -158 व एमएयुएस -162 इस बीजों के पत्तो पर लय रहने से वातावरण के बदलाव से भी कीटको का प्रादुर्भाव कम रहता है़ परिनामतह: किसानों को नुकसान कम होने से किसानों का रुझान इन नए बीजों की ओर हो रहा है़