किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार,  गहराया दोहरी बुआई का संकट

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    आर्णी . पिछले हफ्ते जब बारिश हुई थी तो इतनी बारिश हुई थी कि बोना संभव नहीं था. जिले में लगभग 90 फीसदी बुआई पूरी हो चुकी है लेकिन अब बारिश गायब हो गई है. किसानों ने अच्छे बारिश के चलते बुआई कर तो डाली लेकिन ऐन मौके पर मानसून गायब हो गया, अब किसानों की निगाहें आसमान पर लगी हुई है.

    जैसे ही मौसम विभाग ने मानसून के सक्रिय होने की घोषणा की, किसानों ने बुआई के लिए बीज रासायनिक उर्वरक खरीदे. सोयाबीन के बीज पहले से ही महंगे थे और इसकी कमी भी थी. ऐसी स्थिति में किसानों द्वारा बुआई की. जिले में पिछले चार-पांच दिनों में बुआई में तेजी आ गई थी. लगभग 90 फीसदी बुआई पूरी हो चुकी है. सोयाबीन के बीज इस साल महंगे हुए हैं, लेकिन कपास से ज्यादा बोए गए हैं. मूसलाधार बारिश के साथ रोहिणी मृग नक्षत्र में किसानों खुशी की लहर दौड उठी थी, लेकिन बारिश की बेरुखी से  बुआई संकट में है. 

    पिछले साल बड़ी संख्या में दोहरी बुआई करनी पड़ी थी, और अच्छी फसल भी नहीं हुई. अब जब आद्रा नक्षत्र शुरू हो गया है तो समय पर बारिश नहीं हुई तो किसानों ने दोहरी बुआई पर चिंता जताई है. किसान दैनिक मौसम की भविष्यवाणी करता है. मानसून की लहरें बुआई के बाद शुरू होती हैं. इस साल भी बुआई पूरी हुई और मानसून गायब हो गया.

    किसानों ने अनुभव किया है कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान कुछ हद तक सच होते हैं. प्रदेश में मॉनसून के सक्रिय होने की उम्मीद के चलते किसानों ने बुआई शुरू कर दी है. अब मानसून गायब हो गया है, ऐसे में मौसम विभाग का पूर्वानुमान हवा में है.