Mahavitaran
File Photo

    Loading

    ढाणकी. पिछले अनेक माह से ढाणकी शहर में स्ट्रीटलाईन बंद पडे है, महावितरण विभाग द्वारा उनकी बिजली आपूर्ती खंडीत किए जाने से ढाणकीवासीयों को रात में सडकों पर अंधेरे का सामना करना पड रहा हे, यह समस्या दिन ब दिन बढते जाने से आगामी दिनों में आनेवाले उत्सव, त्यौहार यह अंधेरे में न होकर प्रकाश में हों, इसके लिए भाजपा के शहराध्यक्ष रोहित वर्मा के नेतृत्व में ढाणकी भाजपा ने 5 अगस्त को उपकार्यकारी अभियंता महाविरण को ज्ञापन सौंपा था.

    जिसमें शहर में सडकों पर स्ट्रीट लाईट बंद होने से शहर में चोरी, डकैती, महिलाओं, युवतीयों से छेडछाड इस तरह की अनुचित घटनाओं की आशंका जताते हुए लाईट शुरु करने की मांग कर यह समस्या बिजली विभाग के ध्यान में लायी गयी. इस बारे में नगरपंचायत के साथ भी चर्चा करने के बाद यह बात ध्यान में आयी की नगरपंचायत ने स्ट्रीट लाईट समेत सभी तरह के बिजली बील की राशि अदा की है, ग्रामपंचायत के दौर में बिजली बकाया होने के कारण महाविरण शहर के स्ट्रीट लाईट की बिजली आपूर्ती पूर्ववत नही कर रहा है.

    जिससे आगामी त्यौहार, उत्सव की पृष्ठभूमी में इस समस्या पर गंभीरता से विचार कर उपकार्यकारी अभियंता महावितरण ढाणकी द्वारा वरिष्ठों से चर्चा कर इसपर तात्काल हल निकालते हुए ढाणकी शहर को अंधेरे के जाल से मुक्त करने के लिए भाजपा ने ज्ञापन दिया था.

    सार्वजनिक समस्या के लिए भाजपा पदाधिकारी को बिल भरने की मांग

    भाजपा के इस ज्ञापन के बाद बिजली वितरण विभाग ने सभी सीमाएं पार कर इस ज्ञापन पर जवाब के तौर पर जो पत्र उपकार्यकारी अभियंता ने भाजपा के रोहित वर्मा को भेजा, उसमें ढाणकी शहर के बंद अवस्था में पडे स्ट्रीटलाईट को बिजली कनेक्शन जोडने के संदर्भ में जरुरी कारवाई के लिए ज्ञापन वरिष्ठ कार्यालय में भेजे जाने की जानकारी देकर पत्र में आग्रहपुर्वक मांग की गयी है.

    नगरपंचायत ढाणकी कार्यालय की ओर बिजली के बकाया बील की राशित आप अदा कर महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी को सहयोग करें,इस आशय की कॉपी महावितरण द्वारा ज्ञापनकर्ता को प्राप्त हुई. जिससे महावितरण कंपनी का काम कितना अजीबोगरीब है, यह साफ तौर पर उजागर हुआ है.ज्ञापन देनेवाले को ही सार्वजनिक सुविधा का बील भरने की मांग करने का क्या महावितरण को अधिकार है. समस्या पर हल न निकालकर उल्टे ज्ञापन देनेवाले को ही बील भरने की मांग करना कितना उचित है, साथ ही इस विभाग का कितना लचर कामकाज है, इस बारे में ढाणकी शहर में फिलहाल चर्चा जारी है.