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    यवतमाल. जिला बाल सुरक्षा विभाग की ओर से साल 2022 में 37 बाल विवाह रोके गए थे और तीन मामलों में अपराध दर्ज किया गया था. प्रशासन की ओर से बार बार बाल विवाह विषय को लेकर जनजागृति की जा रही है. लेकिन अब भी अभिभावक बाल उम्र में ही अपने पाल्यों का विवाह कराते है. इसी तरह का वाक्या शुक्रवार को यवतमाल शहर की एक बस्ती में सामने आया. यहां कि एक बस्ती में बाल विवाह कराए जाने की गुप्त जानकारी जिला महिला व बाल विकास अधिकारी ज्योति कडू व जिला बाल सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र राजुरकर को मिली थीं.

    जिसके बाद जिला बाल सुरक्षा विभाग की एक टीम तैयार कर उस टीम को घटनास्थल पर रवाना किया गया. जिला बाल सुरक्षा विभाग की टीम ने वधू मंडप को भेंट दी. इस समय ध्यान में आया कि एक नहीं तो दो नाबालिगों का बाल विवाह रविवार को नियोजित है. जिसमें से एक लडकी साढे चौदा वर्ष व एक सोला साल की है.

    दोनों परिवारों के पालकों को दोनों नाबालिगों की शादी 18 साल पूरे होने से पहले नहीं करवाने के संबंध में मार्गदर्शन किया गया. अभिभावकों को यह भी बताया गया कि कम उम्र में शादी करवाने व सहयोग करनेवालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा उन पर एक लाख रुपए जुर्माना व दो साल का कारावास हो सकता है.

    इस समय लडकियों की  उम्र 18 साल होने तक शादी नहीं करवाने का पत्र पालकों से लिखवा लिया गया.  यह कार्रवाई जिला बाल संरक्षण कक्ष के सामाजिक कार्यकर्ता आकाश बुर्रेवार, कोमल नंद्पटेल, चाईल्ड लाईन के फाल्गुन पालकर, गणेश आत्राम व पूजा शेलारे व यवतमाल शहर पुलिस थाने के बीट जमादार रामदास काले ने की.

    बाल उम्र में विवाह कराना कानूनन अपराध है. बाल विवाह से कम उम्र में गर्भधारणा में आनेवाली कठिनाईयों से लडकियों की जान का खतरा बढता है. शारीरिक दुष्परिणामों के अलावा जान गंवाने का खतरा निर्माण होता है. कहीं पर भी बाल विवाह होने की जानकारी मिलने पर प्रशासन को सूचित किया जाए.

    आकाश बुर्रेवार (सामाजिक कार्यकर्ता)