The-claim-of-finding-giant-dinosaur-fossils-near-Vani,-Prof.-Suresh-Chopane-gave-information

Loading

यवतमाल. वणी तहसील में आनेवाले बोर्डा के पास विरकुंड गांव के नजदीक पर्यावरण और भूविज्ञान शोधकर्ता प्रो. सुरेश चोपाने ने 6 करोड़ साल पहले लेट क्रेटेशियस काल के विशालकाय डायनासोर के जीवाश्म का संशोधन किया हैं. दो साल पहले उन्हें एक जीवाश्म पैर की हड्डी मिली थी. यह डायनासोर जीवाश्म का पहला रिकॉर्ड है.  यह जीवाश्म यवतमाल जिले में पाया गया.  शौक और पढ़ाई के तौर पर वह पिछले 20 साल से यवतमाल जिले में सर्वे कर रहे हैं.

इससे पहले उन्होंने पांढरकवडा, रालेगांव, झरी तहसील में 6 करोड साल पुराने शंख के जीवाश्म और 150 करोड़ साल पुराने स्ट्रोमैटोलाइट जीवाश्म खोजे हैं. उन्होंने यवतमाल जिले में 25 हजार साल पुराने पाषाण युग के औजार भी खोजे हैं और ये सभी साक्ष्य निजी तौर पर उनके पास उपलब्ध हैं. आम नागरिकों के लिए उनके घर पर शैक्षिक संग्रहालय और शोधकर्ताओं के लिए प्रदर्शनी रखी गई है.

 वणी तहसील के बोर्डा-विरकुंड क्षेत्र में 150 करोड वर्ष के नियोप्रोटेरोज़ोइक काल के पैनगंगा समूह का चुना पत्थर है और उस दौरान यहाँ समंदर था. जुरासिक काल में यहाँ विशाल डायनासोर  विकसित हुए. परंतु 6 करोड साल पहले क्रिटाशियस दौर में ज्वालामुखी के प्रवाह में सभी सजीव और डायनासोर मारे गए. यहाँ बेसाल्ट के रूप में एक अग्निजन्य  चट्टान के रूप में सबूत देखने को मिलते है.अनेक जगहों पर डायनासोर की हड्डियों का जीवाश्म में रुपांतर होने से वह देखने को मिल रहे है.

50 साल पहले विरकुंड गांव के पास डायनासोर का जीवाश्म बना हुआ कंकाल रहा होगा, लेकिन जंगल में खेती के दौरान लोग यहां के चूना पत्थर का इस्तेमाल घर और गार्ड बनाने के लिए करते थे, क्योंकि दूर से हड्डियां और चूना पत्थर एक जैसे दिखते हैं, गांव वाले भी हड्डियों का इस्तेमाल करते थे डायनासोर के घर बनाने के लिए. इसलिए, यहां फिर से कोई जीवाश्म नहीं मिला. सुरेश चोपणे को एक जीवाश्म हड्डी मिली.  चोपणे ने अपना विश्वास जताया कि आकार, प्रकार, स्थान, समय और भूविज्ञान विभाग के विशेषज्ञों की राय के आधार पर जीवाश्म एक डायनासोर का है.  जैसा कि देश में कई जगहों पर हुआ है, बहुत सारे जीवाश्म साक्ष्य नष्ट हो गए हैं।

 चंद्रपुर की तरह वणी, मारेगांव, पंढारकवड़ा, झरी, मुकुटबन का क्षेत्र जीवाश्म और प्रागितिहास से समृद्ध है. इस क्षेत्र में आज भी डायनासोर के जीवाश्म जमीन या जंगली क्षेत्रों में पाए जा सकते हैं, जिसके लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण और शोध की आवश्यकता है. भूविज्ञान विभाग ने यहा सर्वेक्षण और संशोधन करना चाहिए.