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नवभारत डेस्क: पांच राज्यों में चुनाव (Rajasthan Election 2023) के तहत मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 3 दिसंबर को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे की घोषणा होगी। लेकिन उससे पहले पांच राज्यों में कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी, इसको लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई है। खासतौर पर राजस्थान (Rajasthan) की बात अगर की जाए तो राजस्थान में सत्ता पलट का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि अनुमानों से इतर अगर दोनों पार्टियों के प्रदर्शन की बात करें तो बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने राजस्थान में दूसरे को कांटे की टक्कर दी है। वहीं चुनाव नतीजा किसके पक्ष में आएगा इसके बारे में सबकी अपनी अलग-अलग राय है। लेकिन राजस्थान में दोनों पार्टी के बागी नेताओं पर अगर नजर दौड़ाएं तो दोनों पार्टी के कुल 35 बागी नेता (Rebel Leader) इस बार मैदान में हैं और यह 35 लोग बीजेपी और कांग्रेस की चुनावी गणित को बिगाड़ सकते हैं। ऐसा अनुमान भी लगाया जा रहा है। दरअसल अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और सचिन पायलट के करीबी नेताओं ने भी बगावत की है। इसीलिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टी के लिए बागी नेता चिंता का विषय बने हुए हैं। आई नजर डालते हैं कि 35 बागी नेताओं में कौन से ऐसे नाम है जो बीजेपी और कांग्रेस दोनों का चुनावी गणित खराब कर सकते हैं। 

बीजेपी के बागी नेता 
बीजेपी से बगावत करने वाले नेताओं की संख्या 19 है। जिनमें से कुछ प्रमुख नाम के बारे में हम यहां जिक्र कर रहे हैं। बीजेपी के बागी नेताओं में राजपाल सिंह शेखावत का नाम है जो झोटवाड़ा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार बने हैं। दूसरा नाम यूनुस खान का है जो डीडवाना सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। रविंद्र भाटी बीजेपी के बागी नेता है जो शिव विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं। बंशीधर बीजेपी के नेता थे उन्होंने भी बगावत की और खंडेला विधानसभा सीट से वह निर्दलीय उम्मीदवार बने। डॉ प्रियंका चौधरी ने भी बीजेपी से बगावत की और बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार बनी हैं। आशु सिंह सुरपुर भी झोटवाड़ा से ही बीजेपी से बगावत करके निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा चंद्रभान सिंह अक्या बीजेपी नेता ने बगावत की और चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार बने हैं। मुकेश गोयल कोटपूतली विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। मदन राठौड़ भाजपा से बगावत करके सुमेरपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। 

कांग्रेस के बागी नेता
कांग्रेस से बगावत करने वाले नेताओं की संख्या 16 है। कांग्रेस में बगावत करने वाले नेताओं की संख्या बीजेपी से कम है। मालपुरा सीट से गोपाल गुर्जर कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। वहीं हकरु मईडा बांसवाड़ा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। नागौर से हबीबुर्रहमान कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। जोहरी लाल मीणा राजगढ़ सीट से निर्दलीय मैदान में हैं। नरेश मीणा छाबड़ा सीट से कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। अजीजुद्दीन सवाई माधोपुर से कांग्रेस से बगावत के बाद निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। वही ओम बिश्नोई सादुलशहर से कांग्रेस के ही खिलाफ मैदान में है। 

बीजेपी का गणित खराब करने वाले बागी नेता 
राजपाल सिंह शेखावत बीजेपी से बगावत करने के बाद झोटवाड़ा विधानसभा सीट से निर्दलीय मैदान में हैं। वह दो बार विधायक भी रह चुके हैं, पिछली बार जनता की नाराजगी की वजह से वह बीजेपी के उम्मीदवार रहते हुए हार गए थे। इसलिए उन्हें इस बार बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार नहीं बनाया गया, तो वह निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं। इस बार बीजेपी ने कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वहीं इसी सीट से बीजेपी के एक और बागी नेता आशु सिंह भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। राजपाल सिंह शेखावत और आशु सिंह मिलकर यहां भाजपा का गणित खराब कर सकते हैं। 

कांग्रेस का खेल ये नेता कर सकते हैं खराब 
खिलाड़ी लाल बैरवा को सचिन पायलट का करीबी माना जाता है। जो जोधपुर के मेयर भी रह चुके हैं। बसेड़ी सीट से वह कांग्रेस के ही खिलाफ मैदान में उतरे हुए हैं। तो ऐसे में उस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार का खेल वह पूरी तरह से बिगाड़ सकते हैं। यह अनुमान लगाना कठिन नहीं है। रामेश्वर दाधीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं और उन्होंने भी कांग्रेस से बगावत की है।