Sukhbir Badal's claim: SAD-BSP alliance will get majority in Punjab elections
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    फगवाड़ा. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) (SAD) के प्रमुख सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) ने रविवार को आरोप लगाया कि पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार (Charnjeet Singh Channi) ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को बहबल कलां बेअदबी मामले और कोटकपुरा गोलीबारी कांड में बादल परिवार को फंसाने का निर्देश दिया है। शिअद अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामले में चन्नी सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, न कि मामले में राजनीति करनी चाहिए। सुखबीर ने दावा किया कि वह इस मुद्दे पर रक्षात्मक या आशंकित नहीं हो रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर चन्नी और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू का बयान उन्हें हास्यास्पद लगता है।

    उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे हमें फंसाते हैं, तो मुझे इसकी परवाह नहीं है, लेकिन मैं उन लोगों को चेतावनी देता हूं कि झूठे मामले में किसी को फंसाना पाप और अपराध है।” शिअद प्रमुख ने कांग्रेस सरकार और पंजाब के पुलिस महानिदेशक को चेतावनी दी कि अगर बादल परिवार को फंसाने के लिए झूठे गवाहों की व्यवस्था की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    उन्होंने दावा किया, ‘‘विश्वसनीय सूत्रों ने मुझे बताया है कि डीजीपी और उनकी टीम को एक झूठा गवाह तैयार करने तथा मामले में बादल परिवार का नाम शामिल करने के लिए सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।” हालांकि, शिअद प्रमुख ने सूत्र का खुलासा नहीं किया।

    उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता पिछले साढ़े चार साल से इस मामले को लेकर जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं और बादल परिवार को फंसाने की दो कोशिश कर चुके हैं।”

    सुखबीर ने आरोप लगाया, ‘‘इससे पहले, (भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी और आप नेता) कुंवर विजय प्रताप सिंह ने हमें फंसाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया।” सिंह 2015 कोटकपूरा और बहबल कलां में पुलिस गोलीबारी की घटनाओं की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे। उन्होंने अप्रैल में समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और जून में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।

    इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने फरीदकोट जिले में गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी के बाद कोटकपुरा गोलीबारी की घटना में पंजाब पुलिस की पूर्व एसआईटी द्वारा दायर एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। फरीदकोट में जब धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी और इसके विरोध में लोगों पर पुलिस गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं, तब सुखबीर बादल उपमुख्यमंत्री थे और गृह विभाग उनके पास था ।

    शिअद प्रमुख ने दावा किया कि चन्नी और उनके डिप्टी अब पांच सदस्यीय एसआईटी की बैठकों में भाग ले रहे हैं और बेअदबी मामले की स्वतंत्र जांच करने के लिए उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। पंजाब की पिछली अकाली भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान बेअदबी की घटना होने पर खेद जताते हुए सुखबीर ने ईश्वर से इस कृत्य के लिये जिम्मेदार लोगों तथा इस मामले पर राजनीति करने वालों को दंडित करने के लिये प्रार्थना की।

    उन्होंने कहा, ‘‘पंजाबी और पंथ चाहते हैं कि अपराधी सलाखों के पीछे हों, न कि इस मुद्दे पर राजनीति।” सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस बेअदबी के जिम्मेदार और नशे के कारोबारियों को दंडित करने का वादा करते हुए सत्ता में आई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों वादों को पूरा करने में कांग्रेस बुरी तरह विफल रही है।

    पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी करने तथा उन्हें क्रमशः 10 रुपये और पांच रुपये प्रति लीटर सस्ता करने की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर सुखबीर ने पूछा कि क्या चन्नी किसानों के खिलाफ हैं क्योंकि उन्होंने पेट्रोल की कीमत दस रुपये औरे डीजल की कीमत सिर्फ पांच रुपये प्रति लीटर कम की है। उन्होंने पूछा, ‘‘डीजल की कीमत पेट्रोल की तरह 10 रुपये क्यों नहीं घटाई गई।” (एजेंसी)