तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (P Vijayan) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर उठाए जा रहे कदम के पीछे ‘चुनावी एजेंडा’ है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंध में उठाए गए कदम को वापस लेने की भी अपील की।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता विजयन ने यहां जारी बयान में कहा कि केंद्र के कदम को ‘‘ देश की बहु सांस्कृतिक विविधता को मिटाकर केवल बहुमत के सांप्रदायिक एजेंडे ‘एक देश, एक संस्कृति’ को लागू करने की योजना’ के तौर पर देखा जा सकता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार और विधि आयोग को समान नागरिक संहिता के संदर्भ में उठाए गए कदमों को वापस ले लेना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के बजाय पर्सनल लॉ में भेदभावपूर्ण नियमों में सुधार की कोशिश करनी चाहिए और इस संबंध में सभी पक्षकारों से सहयोग मांगना चाहिए।
विजयन ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘ पूरी बहस को समान नागरिक संहिता के ईर्द-गिर्द सीमित करना संघ परिवार का चुनावी हथकंडा है ताकि सांप्रदायिक विभाजन को गहरा करने के लिए अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे को बढ़ा सके। हमें भारत के बहुलवाद को कमतर करने की कोशिश का विरोध करना चाहिए और समुदाय के भीतर ही लोकतांत्रिक चर्चा से सुधार का समर्थन करना चाहिए।”
विजयन ने अपने बयान में कहा कि किसी धर्म में सुधार आंदोलन उसके भीतर से शुरू होता है और यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसका समाधान तुरंत कार्यकारी फैसले से कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में पूर्ववर्ती विधि आयोग ने विचार व्यक्त किया था कि समान नागरिक संहिता इस समय ‘‘न तो जरूरी है और न ही इच्छित है।” माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य विजयन ने कहा कि पहले यह बताना चाहिए कि अचानक कैसे उस समय की परिस्थिति बदल गई। (एजेंसी)