Violence breaks out in Imphal
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इंफाल: उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच अचानक झड़प तथा गोलीबारी की घटना के एक दिन बाद जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में सोमवार को असहज शांति छायी रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तीन और लोगों के दम तोड़ने के बाद, एक दिन पहले हुई झड़पों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को पांच हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों का तलाश अभियान जारी है।

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि एक खुफिया सूचना के आधार पर सैन्य कर्मियों के एक दल ने रविवार को इंफाल पूर्व जिले से तीन बदमाशों को पकड़ा और बाद में उन्हें मणिपुर पुलिस को सौंप दिया।  उन्होंने बताया कि सेना ने उनसे हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए। रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इंफाल पूर्व जिले के सिटी कन्वेंशन सेंटर इलाके में सुरक्षाबलों पर हमला करने के इरादे से खुले घूम रहे सशस्त्र बदमाशों के बारे में सटीक सूचना मिलने के बाद सेना ने कई मोबाइल वाहन जांच चौकियां स्थापित करने के लिए रविवार को तीन टुकड़ियां बुलायीं।

उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान सैन्य कर्मियों ने एक कार रोकी, जिसके बाद बदमाश गाड़ी से उतरे और वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा दल ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने कहा, ‘‘एक इंसास राइफल के साथ मैगजीन, 5.56 मिलीमीटर की 60 गोलियां, एक चीनी हथगोला और एक डेटोनेटर भी बरामद किया गया है। हथियारों तथा गोला बारूद के साथ सभी तीन बदमाशों को बाद में मणिपुर पुलिस को सौंप दिया गया।”

पुलिस ने रविवार को बताया था कि लोगों पर गोलीबारी तथा उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम दो लोग मारे गए और 12 घायल हो गए।  मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को कहा था कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से मकानों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल हथियारों से लैस करीब 40 उग्रवादियों को मार गिराया है।

अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ, जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया। हिंसा की ताजा घटनाओं के कारण जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया है।

मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद से मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।