Patient died after he jumped from the Institute of Neuroscience hospital in Kolkata
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    कोलकाता. कोलकाता के मलिकबाज़ार में स्थित एक निजी अस्पताल में सातवीं मंजिल से गिरकर एक मरीज की मौत हो गयी। पुलिस ने बताया कि 33 वर्षीय मरीज अपने कमरे से बाहर निकला था और दो घंटे तक इमारत की सातवीं मंजिल पर दीवार के एक किनारे बैठा रहा। सुजीत अधिकारी नामक मरीज़ का इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस में इलाज चल रहा था। वह अपने वार्ड से निकलकर सातवीं मंजिल पर दीवार के एक किनारे दो घंटे से अधिक समय तक बैठा रहा।

    दमकलकर्मियों, पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों ने उसे नीचे उतारने की कोशिश की। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि वह अपराह्न करीब एक बजकर 10 मिनट पर इमारत की सातवीं मंजिल से नीचे गिर गया। राज्य सरकार ने इस संबंध में अस्पताल प्राधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

    अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि मरीज़ ”बहुत गंभीर रूप से घायल” हो गया और उसकी खोपड़ी, पसली और बायां हाथ में गंभीर चोट आई थी। पुलिस अधिकारी ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि आपदा प्रबंधन कर्मियों को ज़मीन पर जाल बिछाते देख मरीज़ दीवार पर खड़ा हो गया था और वहां से नीचे उतरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन फिसलकर नीचे गिर गया।

    अस्पताल सूत्रों ने बताया कि अधिकारी को अस्पताल के आईटीयू में भर्ती कराया गया , जहां शाम करीब छह बजकर 25 मिनट पर उसकी मौत हो गयी। अस्पताल प्राधिकारियों के अनुसार, मरीज पूरी तरह ‘‘ठीक” था और अस्पताल कर्मियों से बात कर रहा था तथा उसने ‘‘तनाव” में होने का कोई संकेत नहीं दिया था।

    इससे पहले, मरीज़ ने अस्पताल के कर्मचारियों और दमकल कर्मियों की वार्ड में लौटने की गुजारिश को नजरअंदाज कर दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस व्यक्ति को देखने के लिए अस्पताल के सामने भीड़ जमा हो गई थी। नीचे खड़े लोगों ने उससे वहां से पीछे हटने का आग्रह किया। भीड़ के कारण व्यस्त ए जे सी बोस मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ।

    अधिकारी के कहा कि परिजनों ने भी उसे समझाने की कोशिश की थी। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मरीज का बीमा हो रखा था और उसका ज्यादा बिल नहीं बनाया गया था जैसा कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया है।” दमकल सेवा मंत्री सुजित बोस ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस व्यक्ति ने 22 दिन पहले अपनी पत्नी को खोया था और शायद इसी की वजह से वह तनाव में था।” (एजेंसी)