असम-मेघालय सीमा विवाद को लेकर गुरूवार को अमित शाह से मिलेंगे संगमा और हिमंत बिस्व सरमा

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    शिलांग/गुवाहाटी:  मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा (CM Konrad K. Sangma )  और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलेंगे और छह क्षेत्रों में दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद को हल करने के लिए अपनी सिफारिशें सौपेंगे।

    असम मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि दोनों राज्य केंद्र को अपनी सिफारिशें सौंपेंगे और इस मामले को आगे बढ़ाने का आग्रह करेंगे।

    उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट में असम-मेघालय सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई। दोनों राज्यों की क्षेत्रीय समितियों में आम सहमति बन गई है और मुख्यमंत्री स्तर पर भी सहमति बन गई है।”  शिलांग में मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि वह असम के अपने समकक्ष हिमंत बिस्व सरमा के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बृहस्पतिवार को मिलेंगे तथा उन्हें छह इलाकों में सीमा विवाद के हल के लिए पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों की सिफारिश सौंपेंगे। संगमा ने संवाददाताओं को बताया कि यह मुलाकात बृहस्पतिवार की शाम नयी दिल्ली में होगी। 

    मेघालय मंत्रिमंडल की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संगमा ने यह घोषणा की। बैठक में, उनकी सरकार द्वारा सीमा विवाद पर गठित तीन क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों को मंजूरी दी गई।  उन्होंने कहा कि मेघालय की क्षेत्रीय समितियों और असम सरकार की सिफारिशें केंद्रीय गृह मंत्रालय को आगे की कार्रवाई के लिए दी जाएंगी। 

    संगमा ने कहा, ‘‘असम के मुख्यमंत्री और मैं बृहस्पतिवार की शाम (छह बजे के बाद) दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। हम कम से कम एक साझा रिपोर्ट सौंपेंगे और तब मुझे लगता है कि भारत सरकार को कानून के मुताबिक आगे बढ़ना होगा।”  उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद गृह मंत्रालय एक निष्कर्ष को अंतिम रूप देगा। उन्होंने कहा कि सीमांकन, संसदीय प्रक्रिया के बाद किया जाएगा।  संगमा ने कहा, ‘‘भारतीय सर्वेक्षण विभाग को आना होगा और संयुक्त अवलोकन करना पड़ सकता है तथा विधेयक भी पारित करना होगा।”  उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सीमावर्ती इलाकों में गांवों पर सहमत हो गये हैं तथा नदियों और वनों सहित प्राकृतिक सीमाओं की पहचान कर ली गई है। 

    मतभेद वाले छह स्थानों पर 36 गांव है जिनका कुल क्षेत्रफल 36.79 वर्ग किमी है। संगमा ने कहा कि सीमा विवाद 50 वर्षों से है और इसको हल करना मुश्किल कार्य है लेकिन दोनों राज्यों की कोशिशों के चलते हम एक समाधान पर पहुंच गये हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘हमने कई हितधारकों से परामर्श किया, कई बैठकें और कई दौरे किए। जैसा कि मैंने कहा, यह वास्तव में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है।” (एजेंसी)