ओमप्रकाश मिश्र
रांची. झारखण्ड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में दो अक्टूबर को मनाई जाने वाली लालबहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की जयंती पर आकर्षण का केंद्र बना रहा वर्ष 1927 मॉडल की फोर्ड कंपनी की कार, जिसका इस्तेमाल महात्मा गांधी द्वारा वर्ष 1940 में किया गया था। महात्मा गांधी इसी कार में बैठकर एक अधिवेशन में भाग लेने रांची से रामगढ़ गए थे।
महात्मा गांधी की उस समय की गई यात्रा की यादों को अपने आप में संजोये इस कार के बारे में आदित्य विक्रम जायसवाल ने बताया कि वर्ष 1927 में राय लक्ष्मी नारायण जायसवाल पहले नॉन ब्रिटिश थे, जिन्होंने फोर्ड की यह मॉडल खरीदी थी। फोर सीटर इस कन्वर्टिबल कार में चार सिलेंडर इंजन है और यह आज भी आधुनिक कार से कम नहीं है।
कार और आवास अब भी सुरक्षित है
आदित्य विक्रम जायसवाल ने अपने दादा की सराहना करते हुए कहा गांधीजी की दादा जी ने जिस तरह उन यादों को संजो कर रखा था वो आज भी उसी तरह संभाल कर रखा गया है। गांधीजी 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में हिस्सा लेने पहले रांची आए थे और लालपुर स्थित उनके आवास पर ठहरे थे जिस कमरे में वो ठहरे थे उसे बापू कुटीर का नाम दिया गया और आज भी उस कमरे में गांधी की रांची यात्रा से सम्बन्धित तस्वीरें लगी है इस कमरे में विश्राम के पश्चात रामगढ़ में होने वाले अधिवेशन के लिए 1927 मॉडल के इसी फोर्ड कार पर बैठ कर रांची से रामगढ़ के लिए रवाना हुए थे। गांधी की याद में वह कार और आवास अब भी सुरक्षित है।
जिसपर बैठकर बापू रामगढ़ गए थे
आदित्य विक्रम जायसवाल फिलहाल प्रोफेशनल्स कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद पर हैं। कुटीर और कार को धरोहर के रूप में संभाल कर रखने वाले आदित्य विक्रम ने बताया कि इस तरह की कई कार उनके पास महफूज है जिनका देखरेख वो खुद करते है। उन्होंने बताया कि उनके दादा को ब्रिटिश हुकूमत की ओर से “रॉय” की उपाधी मिली थी पर गांधी के कहने पर उन्होंने वह पद त्याग दिया था । आदित्य विक्रम जयसवाल के आवास पर स्थित बापू कुटिर में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि देने के उपरांत प्रोफेशनल कांग्रेस के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओं ने जुलूस निकाला और शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए मोराबादी स्थित बापू वाटिका में पहुंचे, जुलूस में वह फोर्ड गाड़ी भी साथ चल रही थी जिसपर बैठकर बापू रामगढ़ गए थे।
बापू वाटिका में प्रदेश कांग्रेस के वित्त आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, प्रोफेशनल कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य विक्रम जयसवाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने बापू को श्रद्धांजलि दी एवं चरखा भी काटा। इस मौके पर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने का अधिकार सबको है, आंदोलन कर रहे सभी साथियों से अनुरोध है कि वह विरोध की राजनीति छोड़ें, सरकार गंभीरता पूर्वक संवेदनशीलता के साथ उनकी मांगों पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि कल कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जिस ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में बापू की प्रतिमा पर माल्यर्पण करने गए थे उसी मैदान में अपने स्थायीकरण की मांग को लेकर लगभग 2400 अस्थाई पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे है।
इस मौके पर आदित्य विक्रम जायसवाल ने बापू के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए कहा कि गांधी के विचार गांधीवाद लोकतंत्र के लिए अभी भी प्रसांगिक है। भारत लोकतंत्र में विश्वास रखता है, समाज में उनके विचारों को प्रमुखता दिया गया है। छूआछूत को कानून अपराध माना गया है, आज लोकतंत्र में सत्याग्रह होता है, यह गांधी द्वारा दिखाए गए रास्तों के कारण ही संभव हो पाया है, लोग अपनी मांगों और समस्याओं की ओर सत्याग्रह के माध्यम से बिना लाठी-डंडा के अहिंसा के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते है और संवेदनशील सरकार इस पर निर्णय लेती है।